कनाडा का एंटीट्रस्ट विनियामक, वेब विज्ञापन (ऐड) में प्रभुत्व के कथित दुरुपयोग के लिए अल्फाबेट (Alphabet) के गूगल को अदालत में ले जा रहा है, जहां गूगल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
प्रतिस्पर्धा ब्यूरो (Competition Bureau) का आरोप है कि गूगल ने बाजार में वर्चस्व बनाए रखने के लिए विज्ञापन उपकरणों (Ad Tools) का अवैध रूप से उपयोग किया और अपने उपकरणों को प्राथमिकता देकर विज्ञापन नीलामी को प्रभावित करने के लिए इस स्थिति का फायदा उठाया.
एजेंसी ने गुरुवार (28 नवंबर) को कहा कि उसने तीन तरह के निवारण के लिए कंपेटिशन ट्रिब्यूनल, जो एक अदालत जैसी स्वतंत्र संस्था है, के समक्ष आवेदन किया है.
पहला गूगल अपना दो ऐड टूल्स बेचे. पब्लिशर ऐड सर्वर DFP और ऐड एक्सचेंज AdX.
दूसरा गूगल को उस लाभ के मूल्य का तीन गुना जुर्माना देना होगा जो उसे प्राप्त हुआ है और अगर यह संख्या “उचित रूप से निर्धारित” नहीं की जा सकती है तो उसे दूनिया भर के कूल राजस्व का 3% हिस्सा देना होगा.
तीसरा गूगल को कंपेटिशन विरोधी माहौल को खत्म करना होगा.
यह मामला अमेरिकी न्याय विभाग और राज्यों के एक समूह द्वारा गूगल में बड़े बदलावों का प्रस्ताव करने के एक सप्ताह बाद आया है, जिसमें गूगल को उसके वेब ब्राउजर को जबरन बेचने कहा गया है. दावा किया गया है कि गूगल ने अवैध रूप से ऑनलाइन सर्च पर एकाधिकार कर लिया है. कैलिफोर्निया स्थित मूल कंपनी अल्फाबेट दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है, जिसका बाजार पूंजीकरण लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर है.
ईमेल द्वारा भेजे गए बयान में Google के ग्लोबल ऐड उपाध्यक्ष डैन टेलर ने कहा कि कनाडाई शिकायत “तीव्र प्रतिस्पर्धा को नजरअंदाज करती है जहां विज्ञापन खरीदारों और विक्रेताओं के पास बहुत सारे विकल्प हैं” और कंपनी अदालत में अपना मामला रखेगी.
बता दें कि Google की इसी तरह ऐड प्रैक्टिस की जांच ब्रिटेन में भी चल रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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