विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर करारा प्रहार किया है. केप टाउन में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में मुकाबला किया जाना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में इसे माफ नहीं किया जाना चाहिए. आतंकवाद को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक प्रमुख खतरा बताते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी देशों से इसके वित्तपोषण और प्रचार सहित इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने का आह्वान किया.
चीनी और रूसी विदेश मंत्री भी शामिल
बैठक में जयशंकर के साथ उनके चीनी और रूसी समकक्ष किन गैंग और सर्गेई लावरोव ने भी भाग लिया. यह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के रन-अप में हुआ था, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) द्वारा जारी युद्ध अपराध गिरफ्तारी वारंट के कारण दक्षिण अफ्रीका आयोजन स्थल को चीन या मोजाम्बिक में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा था.
हम बदलाव के प्रतीक
जयशंकर ने कहा कि आज वैश्विक माहौल की मांग है कि ब्रिक्स देशों को प्रमुख समसामयिक मुद्दों पर गंभीरता से, रचनात्मक और सामूहिक रूप से विचार करना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि “हमारी सभा को एक मजबूत संदेश देना चाहिए कि दुनिया बहुध्रुवीय है, कि यह पुनर्संतुलन कर रही है, और पुराने तरीके नई स्थितियों को संबोधित नहीं कर सकते. हम बदलाव के प्रतीक हैं और हमें उसी के अनुसार काम करना चाहिए.”
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जिम्मेदारी है बड़ी
विदेश मंत्री जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बैठक में उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि “”यह जिम्मेदारी और भी बड़ी है क्योंकि हम COVID महामारी के बाद के विनाशकारी प्रभावों, संघर्ष से उत्पन्न तनाव और ग्लोबल साउथ के आर्थिक संकट पर विचार करते हैं,” जयशंकर ने कहा, दो दशकों से हमने बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की मांग सुनी है, लेकिन हम लगातार निराश हुए हैं.
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