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INDIA CHINA Dispute: चीन बोला- भारत ने 1987 में अरुणाचल कब्जाया..पहले वहां हमारा शासन था, जयशंकर का जवाब- ड्रैगन के दावे बेतुके

India China Border Dispute: दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बड़ा मुद्दा बना हुआ है. ये दोनों देश न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े मुल्क भी हैं..इनकी इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ कर रही है. अमेरिका-जापान को पीछे छोड़कर चीन विश्व पटल पर सबसे बड़ी सप्लाई चेन बन चुका है, जो अपनी धमक से अब अन्य एशियाई देशों को डराने की कोशिश करता रहता है.

चीन खासकर भारत को आंखें तरेरता रहता है. चीन यह दावा करता है कि भारत का अरुणाचल प्रदेश उसके तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा है. उसने अरुणाचल प्रदेश को मंदारिन भाषा में एक और नाम दे रखा है..चीनी सरकार का कहना है कि अरुणाचल पर भारत ने अवैध कब्जा किया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने हाल ही में कहा कि- भारत ने 1987 में चीनी जमीन पर अवैध तरीके से अरुणाचल प्रदेश बसाया.

‘इस अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर का कभी सीमांकन नहीं किया गया’

चीनी प्रवक्ता लिन जियान ने कहा— “चीन हमेशा से भारत के अवैध कब्जे का विरोध करता आ रहा है और आज भी हम अपने उस बयान पर कायम हैं.” जियान ने आगे कहा- “चीन और भारत के बॉर्डर का कभी सीमांकन नहीं किया गया. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पूर्वी सेक्टर, पश्चिमी सेक्टर और सिक्किम सेक्टर में बंटी हुई है. पूर्वी सेक्टर में जांगनान (अरुणाचल प्रदेश) हमारा हिस्सा है. भारत के कब्जे से पहले चीन ने यहां पर प्रभावी ढंग से शासन किया था. यही मूल तथ्य है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता.”

‘चीन के दावे पहले भी बेतुके थे आज भी बेतुके हैं’

चीन का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस कथन के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन भारत के साथ सीमा समझौतों को नहीं मानता. वह दोनों देशों के बीच हो चुके सीमा समझौतों को तोड़ता है…ऐसे में इन दो बड़े देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रहते. जयशंकर ने शनिवार (23 मार्च) को सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था- “चीन ने हमारे प्रदेश अरुणाचल पर अपना दावा किया है. ये दावे शुरू से ही बेतुके थे और आज भी बेतुके ही हैं. इन्हें क्यों स्वीकार किया जाए?”

यह भी पढ़िए— चीन को भारत का माकूल जवाब, LAC पर 10,000 अतिरिक्‍त फौजी देख निकली ड्रैगन की हेकड़ी! बोला- ‘अब ऐसा न हो..’

Vijay Ram

वेब जर्नलिज्म में रचे-रमे. इनका हिंदी न्यूज वेबसाइट के क्रिएटिव प्रजेंटेशन पर फोकस रहा है. 2014 में राजस्थान पत्रिका-जयपुर से बतौर प्रशिक्षु शुरूआत हुई. उसके बाद 7-8 शहरों से होते हुए वनइंडिया हिंदी, एबीपी न्यूज समेत कई पोर्टल पर कार्य किया. जुलाई 2023 से भारत एक्सप्रेस में सेवाएं दीं. पत्रकारिता में बचपन से दिलचस्पी रही, अत: सन् 2000 तक के अखबारों, साप्ताहिक-मासिक पत्रिकाओं को संग्रहित किया. दो दशक से सनातन धर्म के पुराणों, महाभारत-रामायण महाकाव्यों (हिंदी संकलन) में भी अध्ययनरत हैं. धर्म-अध्यात्म, वायरल-ट्रेंडिंग, देश-विदेश, सैन्य-रणनीति और राजनीति की खबरों में रुचि है.

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