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INDIA CHINA Dispute: चीन बोला- भारत ने 1987 में अरुणाचल कब्जाया..पहले वहां हमारा शासन था, जयशंकर का जवाब- ड्रैगन के दावे बेतुके

भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी देश चीन अक्सर आंखें तरेरता रहा है. उसका दावा है कि भारत का अरुणाचल प्रदेश पर अवैध कब्जा है, लेकिन इतिहास गवाह है कि 1962 के युद्ध तक चीनी सरकार ने कभी ऐसी बात नहीं की थी. उसने तिब्बत पर कब्जा किया..अब अन्य क्षेत्रों पर गिद्ध जैसी नजर है —

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भारत चीन के बीच सीमा विवाद चला आ रहा है.

India China Border Dispute: दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बड़ा मुद्दा बना हुआ है. ये दोनों देश न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े मुल्क भी हैं..इनकी इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ कर रही है. अमेरिका-जापान को पीछे छोड़कर चीन विश्व पटल पर सबसे बड़ी सप्लाई चेन बन चुका है, जो अपनी धमक से अब अन्य एशियाई देशों को डराने की कोशिश करता रहता है.

चीन खासकर भारत को आंखें तरेरता रहता है. चीन यह दावा करता है कि भारत का अरुणाचल प्रदेश उसके तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा है. उसने अरुणाचल प्रदेश को मंदारिन भाषा में एक और नाम दे रखा है..चीनी सरकार का कहना है कि अरुणाचल पर भारत ने अवैध कब्जा किया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने हाल ही में कहा कि- भारत ने 1987 में चीनी जमीन पर अवैध तरीके से अरुणाचल प्रदेश बसाया.

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‘इस अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर का कभी सीमांकन नहीं किया गया’

चीनी प्रवक्ता लिन जियान ने कहा— “चीन हमेशा से भारत के अवैध कब्जे का विरोध करता आ रहा है और आज भी हम अपने उस बयान पर कायम हैं.” जियान ने आगे कहा- “चीन और भारत के बॉर्डर का कभी सीमांकन नहीं किया गया. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पूर्वी सेक्टर, पश्चिमी सेक्टर और सिक्किम सेक्टर में बंटी हुई है. पूर्वी सेक्टर में जांगनान (अरुणाचल प्रदेश) हमारा हिस्सा है. भारत के कब्जे से पहले चीन ने यहां पर प्रभावी ढंग से शासन किया था. यही मूल तथ्य है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता.”

‘चीन के दावे पहले भी बेतुके थे आज भी बेतुके हैं’

चीन का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस कथन के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन भारत के साथ सीमा समझौतों को नहीं मानता. वह दोनों देशों के बीच हो चुके सीमा समझौतों को तोड़ता है…ऐसे में इन दो बड़े देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रहते. जयशंकर ने शनिवार (23 मार्च) को सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था- “चीन ने हमारे प्रदेश अरुणाचल पर अपना दावा किया है. ये दावे शुरू से ही बेतुके थे और आज भी बेतुके ही हैं. इन्हें क्यों स्वीकार किया जाए?”

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