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india vs china

China Vs India: चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा हो चुका है. वह अपनी सैन्य ताकत तेजी से बढ़ा रहा है, ऐसे में भारत को भी अपनी सैन्य क्षमता में व्यापक सुधार की आवश्यकता है.

Solar Panel Exports: भारत, चीन के विकल्प के रूप में, सौर पैनल के प्रमुख निर्यातक के रूप में उभर रहा है. FY25 में 711.95 मिलियन डॉलर के निर्यात के साथ अमेरिकी बाजार में प्रमुख स्थान प्राप्त किया.

मार्क मोबियस का मानना है कि भारत अगले कुछ वर्षों में उच्च ग्रोथ रेट और मजबूत प्रदर्शन करेगा, जबकि China में विकास में चुनौतियां बनी रहेंगी. उनका विश्वास है कि भारत आने वाले समय में निवेशकों के लिए एक आकर्षक बाजार बना रहेगा.

भारत ने बुधवार को यहां फाइनल में चीन के खिलाफ कड़े मुकाबले में 1-0 की जीत के साथ महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 का खिताब सुरक्षित कर लिया. तीसरे क्वार्टर में दीपिका के निर्णायक बैक-हैंड स्ट्राइक ने अंतर पैदा किया.

G-20 के सभी सदस्य देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, रूस, तुर्की और यूरोपीय संघ में भारत सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है.

ड्यूश बैंक की एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि भारत के इक्विटी बाजारों ने 2000 से चीन को पीछे छोड़ दिया है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक रियल इक्विटी रिटर्न में से एक है.

MSCI Emerging Market (EM) Investable Market Index (IMI): MSCI इमर्जिंग मार्केट्स (EM) निवेश योग्य बाजार सूचकांक (IMI) में भारत पहली बार चीन को पीछे छोड़कर दुनिया में पहले नंबर पर हो गया है.

Business news : चीन 2024 में भारत से पिछड़ जाएगा, क्योंकि अब टॉप—10 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में तीन (ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस मोटर्स और एथर एनर्जी) भारत से हैं, जो दिखाता है कि भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया मार्केट तेजी से बढ़ रहा है.

NCERT की पुस्‍तकों में अब बच्‍चे कथित 'बाबरी मस्जिद' को “अयोध्या का विवाद” चैप्टर में “3-गुंबद वाली संरचना” शीर्षक से जानेंगे. इसी तरह के ऐतिहासिक बदलावों की डॉ. राजेश्वर सिंह ने सराहना की है.

भारत, चीन के साथ सीमा विवाद समेत तमाम मुद्दों के समाधान की उम्मीद करता है. हालांकि, चीन का रवैया अपने से छोटे देशों को परेशान करने वाला और विस्‍तारवादी मानसिकता वाला रहा है. जब तक चीन सकारात्‍मक रूख नहीं अपनाएगा, समझौतों का पालन नहीं करेगा, भारत के साथ उसके रिश्‍ते सामान्‍य नहीं रह सकते.