Violence Against Women and Girls: भारत के कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने न केवल पूरे देश को हिला कर रख दिया है बल्कि इसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. तो इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि दुनिया का वो कौन सा देश है, जहां पर महिलाएं व लड़कियां सबसे अधिक असुरक्षित हैं. इसी के साथ ही रिपोर्ट में युवतियों के साथ होने वाली हिंसा की दर भी बताई गई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि फिजी (FIJI) में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की दर दुनिया में सबसे अधिक है, जहां तीन में से दो महिलाओं को अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ रहा है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, फिजी की महिला, बाल और सामाजिक सुरक्षा मंत्री लिंडा तबुया ने मंगलवार को फिजी के मुख्य द्वीप पर नाडी शहर में एक उच्च स्तरीय संवाद में तबुया ने कहा कि पिछले एक दशक में स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत और महत्वाकांक्षी प्रतिक्रिया का आह्वान किया. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए ‘फिजी राष्ट्रीय कार्य योजना’ (एनएपी) 2023-2028 में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है. जून 2023 में शुरू की गई यह योजना प्रशांत द्वीप देश में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक, समावेशी और साक्ष्य-आधारित नजरिया प्रदान करती है.
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मंत्री ने इसको लेकर आगे कहा कि यह योजना हिंसा के मूल कारणों को दूर करने और समाज के सभी पहलुओं में दीर्घकालिक, सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. पारंपरिक संस्थानों के नेताओं को शामिल करके, यह संवाद महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने में वास्तविक प्रगति करने के लिए महत्वपूर्ण सामुदायिक हस्तियों के प्रभाव का उपयोग करना चाहता है. उनका कहना है कि अगले कुछ दिनों में होने वाली बातचीत न केवल हिंसा के मूल कारणों को समझने के लिए बल्कि उन गहरे सांस्कृतिक मानदंडों को उजागर करने के लिए भी महत्वपूर्ण है जिन्हें चुनौती दी जानी चाहिए.
बता दें कि जून 2023 में फिजी में एनएपी योजना को लांच किया गया था. यह एक बेहतरीन योजना बताई जा रही है जो ओशिनिया क्षेत्र में अपनी तरह की पहली और ऑस्ट्रेलिया के बाद विश्व स्तर पर दूसरी है. यह फिजी में सभी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक, समावेशी और साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण प्रदान करता है. तो वहीं मंत्री लिंडा तबुया ने यहां पर लड़कियों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर कहा कि इस डीप डाइव हाई-लेवल डायलॉग ने पारंपरिक नेताओं, प्रांतीय अध्यक्षों, महिलाओं और युवा नेताओं को एक साथ लाकर चर्चा की है कि पारंपरिक संस्थाओं में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने में वे कैसे मदद कर सकती हैं. वह कहती हैं कि “यह दिल दहला देने वाला है, यह वास्तव में एक दिल दहला देने वाली वास्तविकता है जिसने हमारी दादी, हमारी चाची, हमारी माताओं, हमारी बहनों और निश्चित रूप से हमारे परिवारों को प्रभावित किया है और प्रभावित करना जारी रखा है. यह अस्वीकार्य है.”
-भारत एक्सप्रेस
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