PM Modi led PRAGATI In India: इंग्लैंड के सबसे पुराने विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और गेट्स फाउंडेशन ने भारत के डिजिटल शासन क्रांति पर एक महत्वपूर्ण केस स्टडी प्रस्तुत की है. इसके मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लीड किए गए PRAGATI प्लेटफॉर्म ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अभूतपूर्व तेजी लाकर 340+ परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिनकी कुल कीमत 205 बिलियन डॉलर है.
सईद बिजनेस स्कूल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से तैयार इस अध्ययन में पाया गया है कि PRAGATI (Pro-Active Governance and Timely Implementation) ने भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के निष्पादन को पूरी तरह से बदल दिया है. इस प्लेटफॉर्म ने उच्चतम स्तर पर जवाबदेही को बढ़ावा दिया, और केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच अभूतपूर्व सहयोग को बढ़ावा दिया, जिससे परियोजनाओं में दशकों से लंबित देरी को कम करके महज कुछ महीनों में पूरा किया जा सका.
PRAGATI ने भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से रीयल-टाइम में मॉनिटर करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के जरिए नियमित समीक्षा बैठकों के माध्यम से तेज़ी से लागू करने में मदद की. देश की 340 परियोजनाओं में से कई परियोजनाएँ जो तीन से बीस साल तक विलंबित थीं, जिन्हें अब इस प्लेटफॉर्म की मदद से तेज़ी से पूरा किया गया.
PRAGATI ने कई प्रमुख परियोजनाओं को गति दी, जिनमें शामिल हैं:
चेनाब ब्रिज (जम्मू और कश्मीर): यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो एक दशक से अधिक समय से रुका हुआ था, लेकिन PRAGATI के तहत समीक्षा के बाद यह परियोजना पूरी हुई.
बोगीबील ब्रिज (असम): यह ब्रिज 2015 से पहले एक दशक से अधिक समय से रुका हुआ था, लेकिन PRAGATI की निगरानी से यह 2018 में पूरा हुआ, जिससे असम के दूरदराज़ क्षेत्रों में लोगों के लिए नया जीवनदान मिला.
जल जीवन मिशन: इस मिशन के तहत हर ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन देने के लिए PRAGATI ने केंद्रीय और राज्य स्तर पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया. इसके परिणामस्वरूप 2021 में पानी के नए कनेक्शन की दर में 20% की वृद्धि हुई.
टॉप-लेवल मॉनिटरिंग और समीक्षा प्रक्रिया: प्रधानमंत्री मोदी नियमित रूप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सामाजिक विकास कार्यक्रमों की समीक्षा करते हैं, जिसमें वे समाधान प्रस्तावित करते हैं और समयसीमा तय करते हैं.
केंद्र-राज्य और प्रशासनिक सहयोग: PRAGATI ने केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के प्रमुख सचिवों को एक साथ लाकर “टीम इंडिया” मैंटेलिटी को बढ़ावा दिया, जिससे साझा राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों की ओर बेहतर सहयोग संभव हो सका.
इस स्टडी से यह भी स्पष्ट होता है कि PRAGATI प्लेटफॉर्म के अनुभव से अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को यह सीख मिलती है कि बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक विकास कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए डिजिटल शासन और शीर्ष नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है.
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