लीगल

PFI के पूर्व प्रमुख ई अबूबकर की मेडिकल आधार पर जमानत याचिका, सुप्रीम कोर्ट में 17 जनवरी को अगली सुनवाई

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI के पूर्व प्रमुख ई अबूबकर की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि कुछ भी गंभीर नहीं लग रहा है. जिसपर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनके पास मेडिकल रिपोर्ट की कॉपी नहीं है.

मेडिकल आधार पर जमानत की मांग

कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. कोर्ट 17 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. जस्टिस एम एम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ मामले में सुनवाई कर रही है. ई अबूबकर मेडिकल आधार पर जमानत की मांग कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एम्स के निदेशक को एक टीम गठित करने का निर्देश दिया था, साथ ही अबुबकर की मेडिकल जांच करने का भी निर्देश दिया था. मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है.

आतंकी गतिविधियों का आरोप

अबूबकर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2022 में PFI पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था. एजेंसी के मुताबिक PFI, उसके सदस्यों और पदाधिकारियों ने देश भर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची और इस मकसद के लिए अपने कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे थे. अबूबकर ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि UAPA के तहत उनके खिलाफ NIA के मामले का समर्थन करने के लिए कोई सामग्री नहीं है. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया था कि वह 70 वर्ष के हैं और कैंसर से पीड़ित हैं, जो पार्किंसंस रोग से जूझ रहे हैं और अपनी हिरासत के दौरान उन्हे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कई बार जाना पड़ा.

NIA का पक्ष

NIA ने याचिका का विरोध किया था और कहा था कि यह दिखाने के लिए सामग्री मौजूद है कि अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे थे. इसमें कहा गया था कि अबूबकर के खिलाफ कई मामले हैं और अगर उसे रिहा किया जाता है, तो कोई भी उसके खिलाफ गवाही नहीं देगा. 2022 में, संगठन और उसके सहयोगियों पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध से पहले की गई कार्रवाई के दौरान कई राज्यों में PFI के कई कथित कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ें- मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामला: 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट करेगा अगली सुनवाई

NIA ने आतंकी गतिविधियों को कथित समर्थन देने के आरोप में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में PFI कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. अबूबकर को 22 सितंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया. ये छापे केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, दिल्ली और राजस्थान में मारे गए. फरवरी में, हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल के चिकित्सा अधीक्षक को अबूबकर की बीमारियों का नियमित और प्रभावी इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. यह निर्देश उसे जेल में रखने के बजाय घर में नजरबंद रखने की याचिका को खारिज करते हुए दिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू में RBI शाखा की CBI जांच की मांग वाली याचिका की खारिज, जानें क्या है मामला

कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि इसके अलावे और कोई अवसर नही दिया…

9 mins ago

Mahakumbh: Mahatmya Par Mahamanthan: पद्मश्री से सम्मानित साइंटिस्ट से जानें महाकुंभ के पीछे का वैज्ञानिक रहस्य

Mahakumbh: Mahatmya Par Mahamanthan: प्रयागराज शहर में हुए भारत एक्सप्रेस के मेगा कॉन्क्लेव ‘महाकुंभ: माहात्म्य…

25 mins ago

सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को मिली बड़ी राहत, एनजीटी द्वारा लगाए गए 746.88 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार पर लगाए गए 746.88 करोड़ रुपये के जुर्माने पर फिलहाल…

25 mins ago

Mahakumbh 2025: ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रम “स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ” में शामिल हुए भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय

ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम "स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ" में भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय…

30 mins ago

क्या महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन है? CM योगी ने दिया इस बात का जवाब, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर भी बोले

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर कहा कि जो भारतीयता…

48 mins ago