चीन ने पाकिस्तान को हाईस्पीड ट्रेन तकनीक और वित्तीय मदद देने का वादा किया. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन पाकिस्तान को 60 अरब डॉलर की आर्थिक गलियारे (सीपैक) को समर्थन देना जारी रखेगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपनी पहली दो दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं. जहां उन्होंने बुधवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से बताया कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वह अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने की कोशिश में लगा हुआ है. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने अपनी दोस्ती और 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को मजबूत करने पर सहमति जताई है.
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपैक) को समर्थन देना जारी रखेगा. इसके साथ ही उन्होंने शहबाज शरीफ को आश्वस्त किया कि चीन पाकिस्तान की वित्तीय स्थिरता के लिए फिक्रमंद है. पाकिस्तान को वित्तीय रूप से स्थिर बनाने के लिए भी चीन समर्थन देना जारी रखेगा.
दरअसल, पाकिस्तान पर करीब 27 अरब डॉलर का कर्ज है, जिसमें से 23 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज चीन का है. चीन सहित तमाम अंतरराष्ट्रीय कर्जदारों से बार-बार कर्ज लेने के बाद भी पाकिस्तान फिलहाल गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसके अलावा पहले भीषण गर्मी और बाद में विनाशकारी बाढ़ की वजह से भी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को जबरदस्त नुकसान हुआ है, जिससे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर है.
ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल की बैठक
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कहा कि चीन और पाकिस्तान को अपने आर्थिक गलियारे के निर्माण के साथ और अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ना चाहिए, साथ ही ग्वादर सी पोर्ट के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लानी चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान में प्रमुख खनन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल रहा है, जिसमें गहरे पानी के ग्वादर बंदरगाह, 65 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के सभी हिस्से शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस