Pakistan pays tribute to Manmohan Singh: पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने बीते 26 दिसंबर को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में डार ने कहा कि मनमोहन सिंह को उनकी बुद्धिमत्ता और सौम्य व्यवहार के लिए याद किया जाएगा. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान से आई हुई यह पहली प्रतिक्रिया है.
उन्होंने कहा कि सिंह ने ‘अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों’ के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई. उन्होंने लिखा, ‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से दुखी हूं. पाकिस्तान के चकवाल जिले के एक गांव में जन्मे डॉ. सिंह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और राजनीतिक नेता थे. उन्हें उनकी बुद्धिमत्ता और सौम्य व्यवहार के लिए याद किया जाएगा.’
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने कहा, ‘क्षेत्रीय मुद्दों पर उनका दृष्टिकोण उनके इस विश्वास को दर्शाता है कि सामूहिक प्रगति के लिए आपसी समझ, संवाद और सहयोग आवश्यक हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई.’ पाकिस्तान सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान की जनता और सरकार डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार तथा भारत की जनता और सरकार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है.’
शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के बाद 21 तोपों की सलामी के साथ पूरे राजकीय सम्मान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और सरकार के मंत्रियों ने उपस्थित होकर उन्हें अंतिम विदाई दी.
भारत के आर्थिक सुधारों के सूत्रधार मनमोहन सिंह का बीते 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. वे 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. प्रधानमंत्री के रूप में उनके दो कार्यकाल के दौरान सूचना का अधिकार (RTE), शिक्षा का अधिकार (RTI) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) सहित परिवर्तनकारी नीतियों की शुरुआत हुई, जिसने लाखों लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला.
-भारत एक्सप्रेस
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