Glimpses Of India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विदेश दौरों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को विशेष रूप से चुने गए उपहारों के माध्यम से प्रदर्शित किया. उन्होंने अपनी मुलाकातों में विदेशी नेताओं को जो उपहार भेंट किए, वे भारत की विविध परंपराओं, कला और शिल्प को दर्शाते हैं. साथ ही हमारी ‘विविधता में एकता’ की अवधारणा को भी वैश्विक मंच पर प्रकट करते हैं.
पीएम मोदी ने अपनी प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को कूटनीति के साथ संस्कृति को जोड़ने का अवसर माना है, जिससे भारत की परंपराओं का एक सशक्त संदेश दुनिया भर में जाता है. यहां महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कनार्टक, आंध्र प्रदेश, झारखंड, जम्मू और कश्मीर समेत तमाम राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट्स के बारे में बताया गया है, जिनकी तस्वीरों को देखकर हर कोई प्रशंसा करेगा.
नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के विभिन्न कला रूपों के अद्वितीय उपहार दिए. इनमें कोल्हापुर से एक सिलोफर पंचामृत कलश (मटका) नाइजीरिया के राष्ट्रपति को दिया गया. ब्राजील के राष्ट्रपति को वर्ली चित्रकला, जो वर्ली जनजाति की एक आदिवासी कला शैली है, भेंट की गई. इसके अलावा प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया को एक प्राकृतिक अमेथिस्ट पत्थर पर चांदी का ऊंट का सिर और पुर्तगाल के प्रधानमंत्री को एक हाथ से उकेरा हुआ चांदी का शतरंज सेट उपहार स्वरूप दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू और कश्मीर की जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए वहां के हस्तशिल्प का चयन किया. इनमें से कागज-माच के सोने के काम से बने फूलदान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को भेंट दिए गए. गुयाना की प्रथम महिला को कश्मीरी शॉल एक कागज-माच बॉक्स में दिया गया, जबकि कैरीकॉम नेताओं के लिए कश्मीरी केसर के साथ कस्टमाइज्ड गिफ्ट हैम्पर भी भेजा गया.
राजस्थान की कला का भी वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व हुआ. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को चांदी का एक फूलों की नक्काशी वाला फोटो फ्रेम भेंट किया गया, जबकि नॉर्वे के प्रधानमंत्री को मक़राना से की गई संगमरमर की इनले वर्क (पिएट्रा ड्यूरा) भेंट दी गई. इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने गुयाना के प्रधानमंत्री को सोने के काम से सज्जित एक राज सवारी की लकड़ी की मूर्ति भी उपहार दी.
आंध्र प्रदेश से उपहार के तौर पर एक चांदी का क्लच पर्स, जिसे अर्धमूल्यवान रत्नों से सजाया गया था, ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी को भेंट किया गया. अरकू घाटी में आदिवासी समुदायों द्वारा उगाया गया अरकू कॉफी, कैरीकॉम नेताओं के लिए एक उपहार हैम्पर में दिया गया. झारखंड से, एक सोहैरी चित्रकला, जिसमें पशु और प्रकृति का चित्रण किया गया था, नाइजीरिया के उपराष्ट्रपति को भेंट दी गई, जबकि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को खवड़ चित्रकला दी गई.
कूटनीतिक संबंधों में गर्माहट लाने के लिए अन्य भारतीय राज्यों ने भी उपहारों से अपना योगदान दिया है. पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश की चांदी और गुलाब लकड़ी से बनी एक पारंपरिक फोटो फ्रेम को चिली के राष्ट्रपति को भेंट किया. कर्नाटक के चन्नापट्टना से बने लकड़ी के खिलौने की ट्रेन को गुयाना के राष्ट्रपति के छोटे बेटे को दिया गया.
तमिलनाडु से एक तंजोर पेंटिंग फ्रांस के राष्ट्रपति को, जबकि बिहार से एक मधुबनी पेंटिंग गुयाना के राष्ट्रपति को भेंट दी गई. ओडिशा से चांदी से बनी एक फिलिग्री नाव गुयाना के उपराष्ट्रपति को दी गई, जबकि गुयाना की नेशनल असेंबली के स्पीकर को एक लद्दाखी केतली, जिसे अर्धमूल्यवान रत्नों से सजाया गया था, भेंट दी गई.
प्रधानमंत्री मोदी के ये उपहार भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं. इन कूटनीतिक उपहारों के माध्यम से भारत की परंपराओं का उत्सव मनाया जाता है और देश की ‘विविधता में एकता’ की विशेषता को विश्व मंच पर प्रदर्शित किया जाता है.
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