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South Korea: नहीं चला मार्शल लॉ का फॉर्मूला, अब संसद मे पेश होगा राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने शनिवार को देश की जनता से माफी मांगी. उन्होंने कहा इस सप्ताह की शुरुआत में लगाए मार्शल लॉ को लेकर वो ईमानदारी से खेद प्रकट करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि वे फिर से ऐसा कोई प्रयास नहीं करेंगे.

एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यून ने अपने खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर संसदीय मतदान से कुछ घंटे पहले टेलीविजन पर सार्वजनिक संबोधन में कहा, “मुझे इसके लिए गहरा खेद है. जिन्हें मेरे इस फैसले से तकलीफ हुई उनसे मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं.” यून ने यह टिप्पणी मंगलवार रात मार्शल लॉ घोषित करने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर की. उन्होंने मंगलवार (3 दिसंबर 2023) को छह घंटे बाद फैसला पलट दिया था. इससे ठीक पहले नेशनल असेंबली ने उनके खिलाफ मतदान किया था.

हताशा के कारण लगाया था मार्शल लॉ

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में “हताशा” के कारण मार्शल लॉ लगाया था. उन्होंने स्वीकार किया कि अचानक लिए गए निर्णय से लोगों को “चिंता और असुविधा” हुई. यून ने कहा, ” मैं मार्शल लॉ की इस घोषणा के लिए अपनी कानूनी और राजनीतिक जिम्मेदारी से नहीं बचूंगा. मार्शल लॉ को फिर से लागू करने की बात चल रही है, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि दूसरा मार्शल लॉ कभी नहीं होगा.”

उन्होंने कहा, ‘मेरे साथी नागरिकों, मैं अपने कार्यकाल सहित देश को स्थिर करने का काम अपनी पार्टी को सौंपूंगा. भविष्य में देश के मामलों के प्रबंधन के लिए मेरी पार्टी और सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी. मैं एक बार फिर सिर झुकाकर लोगों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगना चाहता हूं.’

महाभियोग चलाने का प्रस्ताव

यून को मई 2022 में पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना गया था. दक्षिण कोरियाई सांसदों ने राष्ट्रपति यून सुक येओल पर मार्शल लॉ लागू करने के उनके अल्पकालिक प्रयास के लिए महाभियोग चलाने का प्रस्ताव शनिवार को लाने की तैयारी विरोधी पार्टियों ने कर ली है. हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि विपक्षी सांसदों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को आवश्यक दो-तिहाई बहुमत मिलेगा या नहीं.

राष्ट्रपति पद छोड़ने का बढ़ा दबाव

शुक्रवार को यून की अपनी पार्टी के नेता ने उनकी संवैधानिक शक्तियों को निलंबित करने की मांग की थी. कहा था कि अब वो इस पद पर बने रहने के काबिल नहीं हैं. यून पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि उन्होंने “राज्य विरोधी ताकतों” को जड़ से उखाड़ने के लिए मार्शल लॉ लगाकर देश को चौंका दिया था. उन्होंने विपक्ष पर महाभियोग प्रस्तावों और प्रस्तावित बजट कटौती के साथ सरकारी कामकाज को पंगु बनाने का आरोप लगाया था.

इस्तीफे की मांग

विपक्षी गुट, जिसके पास 300 सदस्यीय नेशनल असेंबली में कुल 192 सीटें हैं, शाम करीब 5 बजे उनके महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान करने वाला है. प्रस्ताव के लिए सत्तारूढ़ दल से कम से कम आठ वोटों की आवश्यकता है, जिसके पास 108 सीटें हैं.

दो मिनट के संबोधन के बाद, मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग ने यून के तत्काल इस्तीफे और महाभियोग की बात दोहराई. पीपीपी नेता हान डोंग-हून ने भी यून के शासन करने की क्षमता पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की मांग उठाई.

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

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