President Bashar al-Assad’s Regime & Syria War: सीरियाई विद्रोहियों ने रविवार (8 दिसंबर) को सरकारी टेलीविजन पर अपनी पहली घोषणा में कहा कि उन्होंने राजधानी दमिश्क (Damascus) को आजाद कर लिया है और राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका है. साथ ही जेल में बंद सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है. इस बीच बशर अल-असद कथित तौर पर देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर भाग गए हैं, क्योंकि विद्रोहियों ने कहा कि वे सेना की तैनाती के बिना ही राजधानी में घुस आए हैं.
दमिश्क पर हमले के साथ इस्लामिक विद्रोही असद सरकार को एक गंभीर झटका देने का लक्ष्य बना रहे हैं क्योंकि अब 14 प्रांतीय राजधानियों में से केवल 3 पर ही उसका नियंत्रण है- दमिश्क, लताकिया और टार्टस.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सीरियाई सेना ने कहा कि वह हमा और होम्स (Hama and Homs) के प्रमुख शहरों और डेरा ग्रामीण इलाकों में ‘आतंकवादी समूहों’ के खिलाफ अभियान जारी रखे हुए है. इस बीच, लेबनान ने कहा कि वह सीरिया के साथ अपनी सभी भूमि सीमा क्रॉसिंग को बंद कर रहा है, सिवाय एक के जो बेरूत को दमिश्क से जोड़ती है. इसी तरह, जॉर्डन ने भी सीरिया के साथ एक सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया है.
मालूम हो कि सीरियाई विद्रोहियों को अल असद ने ईरानी (Iran) और रूसी (Russia) सैन्य मदद से तकरीबन एक दशक से अधिक समय राजधानी से दूर रखा था. हालांकि, अल-असद को देश के उत्तर-पश्चिम से शुरू किए गए एक आश्चर्यजनक हमले का सामना करना पड़ा. उनकी सरकार ने बिना किसी सैन्य सुरक्षा या देश के सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक ईरान की मदद के सीरिया छोड़ दिया. बीते शुक्रवार (6 दिसंबर) को ईरान ने सीरिया से अपने सैन्य कमांडरों और कर्मियों को निकालना शुरू कर दिया.
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (Syrian Democratic Forces) के नेता मजलूम आब्दी ने एक लिखित बयान में कहा, ‘यह परिवर्तन लोकतंत्र और न्याय पर आधारित एक नए सीरिया के निर्माण का अवसर देता है, जो सभी सीरियाई लोगों के अधिकारों को सुरक्षित करता है.’ उन्होंने दमिश्क में ‘सत्तावादी शासन’ के पतन की प्रशंसा की. कुर्द नेतृत्व वाले इस फोर्स की उत्तर-पूर्वी सीरिया में महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जहां वे पिछले कुछ वर्षों में चरमपंथी इस्लामिक स्टेट (Islamic State) समूह और तुर्की समर्थित मिलिशिया के साथ भिड़ते रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रविवार (8 दिसंबर) को सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद अल जलाली ने कहा है कि वे विद्रोही नेताओं के संपर्क में हैं. सीरिया में स्वतंत्र चुनाव होने चाहिए, ताकि सीरियाई नागरिक अपना अगला नेतृत्व चुन सकें. अल-अरबिया के साथ एक साक्षात्कार में पीएम जलाली ने कहा कि वे वर्तमान सत्ता परिवर्तन के प्रबंधन पर चर्चा करने के लिए विद्रोही कमांडर अबू मोहम्मद अल-गोलानी के संपर्क में हैं, जो सीरिया के राजनीतिक भविष्य को आकार देने के प्रयासों में एक उल्लेखनीय विकास को दर्शाता है.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह लोगों द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ ‘सहयोग’ करने के लिए तैयार हैं, जब विद्रोहियों ने कहा कि ‘अत्याचारी’ राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं. इस्लामिक सीरियाई विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने सेना को दमिश्क में आधिकारिक संस्थानों के पास न जाने का आदेश दिया और कहा कि वे तब तक प्रधानमंत्री के अधीन रहेंगे जब तक कि उन्हें ‘आधिकारिक रूप से’ सौंप नहीं दिया जाता.
मालूम हो कि सीरिया में साल 2011 में गृह युद्ध राष्ट्रपति असद के शासन के खिलाफ विद्रोह के रूप में शुरू हुआ था. आगे चलकर इसमें बड़ी बाहरी शक्तियां भी शामिल हो गईं. इस घटना ने जिहादी आतंकवादियों के लिए दुनिया भर में हमलों की साजिश रचने के लिए सीरिया को आदर्श जगह बना दिया और लाखों की संख्या में लोगों को शरणार्थियों के रूप में पड़ोसी देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा.
-भारत एक्सप्रेस
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