Jake Sullivan Visit India: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते वैश्विक रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की. यह बैठक पिछले चार वर्षों में दोनों देशों के संबंधों में आए महत्वपूर्ण बदलाव और प्रगति की समीक्षा के अवसर के रूप में आयोजित हुई.
प्रधानमंत्री मोदी और जेक सुलिवन के बीच चर्चा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी, रक्षा, अंतरिक्ष, नागरिक परमाणु, स्वच्छ ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला. इस बैठक में दोनों नेताओं ने इन क्षेत्रों में हुए ठोस कदमों और साझेदारी की दिशा में प्रगति की समीक्षा की.
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपनी मुलाकातों को याद करते हुए उनकी भूमिका की सराहना की, खासकर क्वाड शिखर सम्मेलन में उनकी भूमिका पर चर्चा की, जो सितंबर 2024 में हुआ था. PM मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से राष्ट्रपति बाइडेन का भेजा हुआ पत्र भी प्राप्त किया और उसकी सराहना की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूती देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
भारत और अमेरिका के बीच iCET (भारत-अमेरिका उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पहल) के तहत विभिन्न उभरती तकनीकों में सहयोग को लेकर सकारात्मक प्रगति हुई है. विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर, टेलीकम्युनिकेशन और रक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
इस बैठक में दोनों देशों ने रक्षा, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में चल रही प्रगति पर भी चर्चा की. दोनों देशों के अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग को लेकर विचार विमर्श किया और भविष्य में इन सहयोगों को और बढ़ाने के प्रयासों को लेकर योजनाओं पर चर्चा की.
अमेरिकी NSA जेक सुलिवन ने भारत को अमेरिकी मिसाइल निर्यात नियंत्रण नीति (MTCR) में हुए बदलावों के बारे में जानकारी दी. इन बदलावों से भारत को वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग में नए अवसर मिलेंगे. साथ ही, जेक सुलिवन ने भारत और अमेरिका के बीच शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग को और मजबूत करने के लिए भारतीय परमाणु संस्थाओं को प्रतिबंध सूची से बाहर करने के अमेरिकी प्रयासों की घोषणा की. इस कदम से दोनों देशों के बीच परमाणु सहयोग और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को नई दिशा मिलेगी.
इस मुलाकात ने भारत और अमेरिका के बीच गहरे रणनीतिक सहयोग को और सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित किया है. दोनों देशों के नेताओं ने इस संबंध को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है.
यह भी पढ़िए: डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह के दिन क्यों झुका रहेगा America का राष्ट्रीय ध्वज?
सुप्रीम कोर्ट ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. जिस याचिका…
महिला शिकायतकर्ता के अनुसार वह जब घर पर अकेली थी, तब आरोपी चंचल चौधरी घर…
दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और अन्य बिजनेस स्कूलों में प्रवेश के…
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2021 में लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए IED ब्लास्ट मामले…
मार्च 2023 से जस्टिस के विनोद चंद्रन पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में…
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू होते ही देशभर से श्रद्धालु संगम में पुण्य अर्जित…