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Video: सात समंदर पार योगी आदित्यनाथ की धूम, भोजपुरी गीत गाकर यूपी के सीएम के कामों की चर्चा, जय श्रीराम के लग रहे नारे

Suriname: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ द येलो स्टार’ से सम्मानित किया गया. जहां देश विदेश से उन्हें बधाईयां मिल रही हैं. वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें अपनी शुभकामना दी है. उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा है कि यह प्रतिष्ठित सम्मान सूरीनाम की जनता व सरकार का भारत के प्रति विशेष प्रेम और विश्वास को प्रकट करता है. हालांकि, सूरीनाम में यूपी के सीएम योगी अदित्यनाथ के नाम की धूम भी दिखाई दी. जिससे पता चलता है कि उनकी ख्याति विदेशों में भी खूब है.

गानें में दिखा यूपी के सीएम का जलवा

दक्षिण अमरीका महाद्वीप के उत्तर में स्थित देश सूरीनाम में जहां डच प्रमुख भाषा है वहीं स्रानान टोंगो, सरनामी हिन्दी, अंग्रेजी, जावा, इंडोनेशियाई, अवधी, होक्का, यू चीनी मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय भाषाएँ. लेकिन वहीं इस देश से भोजपुरी का एक ऐसा वीडियो भी निकल कर सामने आ रहा है जिससे पता चलता है कि भारत से कई हजार किलोमीटर दूर इस देश में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का जलवा है.

भोजपुरी गाने में देश प्रेम और योगी

सूरीनाम में हुए एक कार्यक्रम में भोजपुरी गाने के एक वीडियो को एक यूजर ने शेयर करते हुए लिखा है कि, लखनऊ से 14,258 किलोमीटर दूर है सूरीनाम, लेकिन वहां पर है योगी आदित्यनाथ की धूम. चाहे तो वहां गाए जा रहे इस भोजपुरी गाने को सुनिए. हमार भारत देसवा है आप के नगरिया, मोदी, शाह और योगी का बगीचा… बोलिए जय श्रीराम.

गाने के बोल में मोदी, शाह और योगी का जिक्र है. इस भोजपुरी गीत को गाकर यूपी के सीएम के कामों की चर्चा भी की गई है. वहीं इसका संगीत भी काफी मधुर लग रहा है. बता दें कि सूरीनाम का समाज कई संस्कृतियो के मेल से बना  है. पश्चिमी गोलार्ध में बसे इस देश में अलग-अलग जाति, भाषा और धर्म के लोगों का बसेरा है.

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सूरीनाम में हिंदू, हिंदूस्तानी और भोजपुरी

दरअसल, सूरीनाम में योगी आदित्यनाथ की यह धूम ऐसे ही नहीं है, इसके पीछे प्रमुख कारण उनका भोजपुरी बाहुल्य पूर्वांचल से आना और उनकी श्रीराम के प्रति श्रद्धा है. आपको जानकार हैरानी होगी कि सूरीनाम की आबादी में 37 फीसदी जहां हिंदुस्तानी हैं वहीं इसमें भी 27.4 फीसदी हिस्सा हिंदुओं का है. अगर यहां डच सबसे ज्यादा बोले जानी वाला भाषा है तो भोजपुरी और कैरीबियन भाषा बोलने वालों की भी बाहुल्यता है.

सूरीनाम में हिंदुस्तानियों की इस संख्या के पीछे मुख्य कारण यह है कि 1873 में डच सरकार ने कांट्रेक्ट मजदूरों की नियुक्ति के लिए ब्रिटेन के साथ समझौता भी किया था तब उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग वहां जा पहुंचे और वहीं के होकर रह गए. हालांकि, यह भी कहा जाता है डच लोगों ने इन भारतीयों को सूरीनाम को श्रीराम की पवित्र भूमि और तीर्थयात्रा बताकर वहां पहुंचा दिया और बाद में उन्हें वहां की नागरिकता दे दी.

Rohit Rai

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