Gautam Adani Indictment US News: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका के न्यूयॉर्क की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अभियोग (इनडाइक्टमेंट) दर्ज किया गया है. इसके कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. वहीं, उनकी नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपये की कमी आई.
इस मामले पर नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा गौतम अडानी और अन्य लोगों पर सौर ऊर्जा अनुबंध घोटाले के आरोपों पर अपने विचार व्यक्त किए. विजय अग्रवाल ने दिल्ली में कहा, “मुझे अब तक कोई बड़ा मुद्दा नहीं दिख रहा है. जो 54-पेज का आरोपपत्र है, उसमें कोई ठोस प्रमाण नहीं दिखते. ये केवल आरोप हैं. किसी व्यक्ति को दोषी सिद्ध होने तक निर्दोष माना जाता है.”
एडवोकेट विजय अग्रवाल ने इस मामले की भारत में कोल घोटाले और कनाडा के मामलों से तुलना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में अक्सर कोई ठोस परिणाम नहीं निकलते. उन्होंने अडानी के संबंध में क्या कहा, यह एक वीडियो में देखा जा सकता है.
एडवोकेट विजय अग्रवाल ने कहा, “इस मामले में अभी मुझे कुछ खास नहीं दिख रहा है. 54 पेज के अभियोग पत्र पर एक नज़र डालें, तो वो चारों ओर घूम रहा है. उसमें, आप कोई भी बिंदु नहीं जोड़ पाएंगे. तो मैं इसे सिर्फ़ आरोप के रूप में देखता हूं. भारत में इसका कोई असर नहीं है. व्यापार या अन्य मामलों में इसका कोई असर नहीं है. एक व्यक्ति के रूप में इसका कोई असर नहीं है. दोषी पाए जाने तक व्यक्ति को निर्दोष माना जाता है.”
उन्होंने कहा, “अभी भारतीय संदर्भ में इसकी तुलना दो मामलों से करें. इसकी तुलना कोयला घोटाले के मामलों से करें. तब कई आरोपपत्र दायर किए गए थे और हम सभी जानते हैं कि एक आरोप-पत्र पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ था, जो कोयला मंत्री का पद भी संभाल रहे थे. तो उसमें क्या हुआ? कुछ नहीं. मामला आगे नहीं बढ़ा. साथ ही, इसकी तुलना कनाडा में जो हो रहा है उससे करें…क्या कुछ हुआ? नहीं, कुछ नहीं हुआ.”
उन्होंने कहा, “अमेरिका में अडानी पर अभी बस आरोप लगाए गए हैं. ये सिर्फ़ अभियोग है. बिजनेस वर्ल्ड में ऐसा होता रहा है. जब कोई बड़ा समूह होता है, जिसके विभिन्न व्यावसायिक हित होते हैं, परिवहन के साथ-साथ हरित ऊर्जा क्षेत्र में चीनी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा होती है, तेल समृद्ध देशों के साथ प्रतिस्पर्धा होती है. तो उनके प्रतिस्पर्धियों की ओर से आरोप लगते हैं.”
उन्होंने कहा, “2जी का मामला याद करें, जब यह शुरू हुआ था, तब मैंने 2010-11 में एक बयान दिया था कि यह कॉफी टेबल बुक के लिए अच्छा रहेगा. तो, वही हुआ. उसके बाद कुछ नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है, इसकी तुलना हाल ही ही कनाडा वाले मामले से करें इसकी तुलना भारत में हुए कोयला घोटाले से करें… हमारे पास कई मामलों में ऐसे आरोप हैं. जो हवा में लहराते रहते हैं, शुरू में कुछ ध्यान दिया जाता है. बस, शुरू में कुछ मीडिया सर्कस होगा.
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