Warren Buffett: दुनिया के अरबपति वॉरेन बफेट ने भारत को लेकर बड़ी बात की है और उन्होंने निवेश को लेकर इशारा किया है. उनकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में की जाती है और दुनियाभर के निवेशक उनकी ओर उम्मीद भरी नजर से देखते हैं.
वह हर वर्ष बर्कशायर हैथवे की साल में होने वाली बैठक को संबोधित करते हैं. इस मीटिंग का पूरे साल वित्तीय जगत द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जाता है, क्योंकि इस मौके पर वॉरेन बफेट कंपनी के फ्यूचर प्लान, इनवेस्टमेंट, कॉरपोरेट गवर्नेंस और इकोनॉमी आदि मुद्दों को लेकर अपनी राय रखते हैं और अपनी निवेश की प्लानिंग को लेकर चर्चा करते हैं. फिलहाल इस बार उन्होंने मीटिंग के दौरान भारत में निवेश के संकेत दिए हैं.
बर्कशायर हैथवे एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय समूह होल्डिंग कंपनी है, जिसका मुख्यालय अमेरिका के नेब्रास्का राज्य के ओहामा में स्थित है. वारेन बफेट इसके चेयरमैन और सीईओ हैं. कंपनी की सालाना मीटिंग के दौरान भारत में निवेश के बारे में वॉरेन बफेट ने कहा कि भारत में जबरदस्त अवसर हैं. हालांकि, उन्होंने भारत में निवेश का फैसला कंपनी के अगले मैनेजमेंट पर छोड़ दिया है.
बफेट की टिप्पणी शुक्रवार (3 मई) को बर्कशायर की वार्षिक बैठक में आई, जब भारतीय इक्विटी में निवेश करने वाले अमेरिका स्थित हेज फंड कंपनी DoorDarshi Advisors के राजीव अग्रवाल ने उनसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में बर्कशायर की संभावना के बारे में पूछा. इस पर बफेट ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा सवाल है. मुझे यकीन है कि भारत जैसे देशों में ढेर सारे अवसर हैं.’
उन्होंने आगे कहा कि ‘हालांकि, सवाल यह है कि क्या हमारे पास भारत में उन व्यवसायों को लेकर कोई इनसाइट या कॉन्टैक्ट है, जो बर्कशायर की भागीदारी के जरिये लेनदेन को संभव बना सके.’
अरबपति निवेशक बफेट ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि बर्कशायर दुनिया भर में एक बड़ा नाम है. भारत में निवेश के बारे में वह बोले कि ‘हो सकता है कि कोई ऐसा अवसर हो, जिसकी खोज न की गई हो या जिस पर ध्यान न दिया गया हो, लेकिन ऐसा भविष्य में हो सकता है.’ वह आगे बोले कि बर्कशायर का युवा मैनेजमेंट भारत में निवेश की योजना को आगे बढ़ा सकता है.
इस मौके पर 93 वर्षीय बफेट ने एप्पल में हिस्सेदारी कम करने से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि इसका शेयर के लॉन्ग टर्म व्यू से कोई संबंध नहीं है. हाल ही में मंदी के बावजूद संभव है कि एप्पल उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग्स में से एक रहेगा.
उन्होंने अपने शेयरधारकों से कहा कि वाइस चेयरमैन ग्रेग एबेल और अजीत जैन ने उनके जाने के बाद बर्कशायर का नेतृत्व करने के लिए खुद को साबित किया है. गौरतलब है कि हाल के कुछ सालों में भारतीय इकोनॉमी में जो उछाल आया है, उसके बाद दुनिया भर की तमाम कंपनियां यहां पर निवेश को लेकर योजना बना रही हैं. इसमें बर्कशायर हैथवे के साथ ही टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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