China News: वैसे आपने यही सुना होगा कि हीरा (diamond) जमीन के अंदर मौजूद खान से ही निकलता है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी फूल से भी हीरा बनाया जा सके? हालांकि हीरे को अब लैब में भी तैयार किया जाने लगा है लेकिन हीरे को लैब में तैयार करना भी बहुत सरल काम नहीं होता क्योंकि इसके लिए अधिक से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. तो इसी बीच चीन के वैज्ञानिकों ने एक खास फूल से हीरा बनाकर कमाल दिया है. पहली बार में तो लोग यकीन ही नहीं कर पा रहे हैं कि किसी फूल से भी हीरा बन सकता है? हालांकि ये खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल खबरों में दावा किया गया है कि चीन के वैज्ञानिकों (Chinese scientists) ने हीरा बनाने के लिए पियोनी नाम के एक लाल रंग के खास फूल का इस्तेमाल किया है. इस फूल से तीन कैरेट का हीरा बनाकर चीन के वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया है. चीन के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के हेनान प्रांत के लुओयांग में इस तीन कैरेट हीरे का अनावरण किया गया है. बता दें कि पियोनी फूल (peony flower) कभी चीन का राष्ट्रीय फूल हुआ करता था. फिलहाल ये बता दें कि हीरा बनाने के लिए चीन के वैज्ञानिकों ने पियोनी फूल के कार्बन तत्वों का इस्तेमाल किया है. फिलहाल इस हीरे का निर्माण करने के बाद लुओयांग टाइम प्रॉमिस कंपनी ने लुओयांग नेशनल पियोनी गार्डन को दान कर दिया है.
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अनोखे तरीके से इस हीरे का निर्माण करने वाली लुओयांग टाइम प्रॉमिस कंपनी के CEO वांग जिंग ने चीन की मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि फूलों को हीरे में तब्दील करने के लिए जिस तकनीक का उपयोग किया गया है वो बहुत ही कठिन है. ये हमारी बायोजेनिक कार्बन निष्कर्षण तकनीक से तैयार किया गया है. इसकी कीमत करीब 3 लाख युआन है. यानी भारतीय रुपयों में इसकी कीमत करीब 34,53 लाख रुपये आंकी गई है.
बता दें कि अब अधिकतर जो मार्केट में हीरे बिक रहे हैं वो लैब में तैयार किए हुए हीरे होते हैं. हालांकि ये हीरे भी उतने ही रासायनिक कमपाउंड के होते हैं, जितने की प्राकृतिक रूप से प्राप्त किए गए हीरे होते हैं. लैब में एक हीरे को तैयार करने में करीब 2 महीने का समय लगता है. चीन के वैज्ञानिकों के मुताबिक लैब में हीरा तैयार करना बहुत ही कठिन काम है. वैसे इसे लैब में दो तरह से बनाया जाता है. पहला तरीका है उच्च दबाव उच्च तापमान (HPTP) और दूसरा तरीका रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) वाला है. हालांकि चीन के वैज्ञानिकों का ये नया प्रयोग लोगों के लिए अचरज का विषय बना हुआ है.
-भारत एक्सप्रेस
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