कहा जाता है कि दुनिया में सबसे तेज गति से आपका मन चलता है! अगर आप सोच लें तो आपका मन पलक झपकते ही वहां पहुंच जाता है. वो फिर भारत का कोई शहर हो या फिर अमेरिका, कनाडा, फिनलैंड, स्विटजरलैंड जैसा कोई देश हो. आपकी कल्पना आपको कहीं भी पहुंचा सकती है, यहां तक कि ब्रह्मांड के किसी कोने में भी पहुंच सकती है.
आपको पता है हमारा ब्रह्मांड कितना बड़ा है? ये इतना बड़ा है कि इसके एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुंचने में प्रकाश की गति से चलने पर आपको 93 अरब साल लग जाएंगे. यानी आपकी आने वाली अरबों-खरबों पीढ़ियां बीत जाएगी पर आप इस तमाम रहस्यों समेटे ब्रह्मांड को एक्सप्लोर नहीं कर पाओगे.
ऐसे में अनंत ब्रह्मांड को एक्सप्लोर करने की तो आप कल्पना भी नहीं कर सकते. बहरहाल ब्रह्मांड की अनंतता को जानने के लिए हमें पृथ्वी से ब्रह्मांड के अंतिम छोर तक जाना पड़ेगा. हमारी पृथ्वी जिस पर हम सब रहते हैं, वह करीब हजार किलामीटर की चौड़ाई में फैली है और पिछले चार अरब साल से जीवन को अपने साथ लिए यह पृथ्वी हमारे सूर्य के चारों ओर घूम रही है. सूर्य हमें लेकर हमारी आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर घूम रहा है. पिछले चार अरब सालों में सूरज ने अभी तक सिर्फ 20 बार ही हमारी आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर चक्कर पूरे किए हैं.
ऐसे में आप समझ सकते हो कि हमारी आकाशगंगा कितनी बड़ी है. अगर हम पृथ्वी से सूरज की तरफ चले तो हमें 15 करोड़ किमी की दूरी तक चलना पड़ेगा. एक इंसान के पैदल चलने की गति लगभग 5 किमी प्रति घंटे की है. अगर एक सामान्य आदमी सूरज तक पैदल यात्रा कर पाए तो उसे सूरज तक पहुंचने में 3,425 साल लगेंगे, लेकिन अगर हम प्रकाश की गति से चलें तो हमें सूर्य तक पहुंचने में मात्र 8 मिनट का समय लगेगा.
सूर्य खुद हमें लेकर 200 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से चल रहा है, लेकिन हमारा सूरज जिस Milky Way आकाशगंगा में घूम रहा है, वह खुद अपने अंदर ऐसे 100 से 400 खरब तारों का घर है और यह इतनी बड़ी है कि इंसानों द्वारा बनाई गई सबसे तेज वस्तु यानी Parker Solar Probe जो कि लगभग 7 लाख किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है. उसे इस आकाशगंगा को पार करने में 20 लाख साल का समय लगेगा.
इतना ही नहीं सबसे तेज यानी प्रकाश की गति से 1 लाख साल का समय लग जाएगा, लेकिन प्रकाश से तेज गति संभव ही नहीं है. हम आपको बता दें कि हमारी आकाशगंगा अंतरिक्ष में लगभग 600 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से चल रही है. यानी इतनी बड़ी आकाशगंगा ब्रह्मांड में कछुए की चाल से चल रही है. हमारे ब्रह्मांड में करीब 200 अरब आकाशगंगा मौजूद हैं और इन सभी में अरबों-खरबों तारे समाहित हैं.
इन असंख्य आकाश गंगाओं में हमारी धरती जैसे अरबों ग्रह मौजूद होंगे. हम एक संभावना जता सकते हैं कि इतने अरबों आकाशगंगाओं में एक ऐसा ग्रह भी हो सकता है, जो बिल्कुल हमारी पृथ्वी जैसा हो और जहां हमारी तरह जीवन भी हो. हमारा ब्रह्मांड 93 अरब प्रकाश वर्ष में फैला हुआ है, जिसमें खरबों आकाशगंगाएं मौजूद हैं और आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि यह ब्रह्मांड खुद भी लगातार फैल रहा है. हम इंसान इसे Observable Universe (वह हिस्सा, जिसे पृथ्वी या इसके अंतरिक्ष-आधारित दूरबीनों और अन्य अन्वेषणात्मक जांचों से देखा जा सकता है) कहते हैं.
अब सवाल यह है कि जहां पर हम खड़े हैं वह ब्रह्मांड क्या इतना ही बड़ा है? क्या इससे आगे कुछ नहीं है? वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा ब्रह्मांड, Observable Universe से 250 गुना ज्यादा बड़ा हो सकता है. अब सवाल यह है कि ब्रह्मांड के बाहर क्या है? क्या यह ब्रह्मांड खुद अनंत है? यानी इससे बाहर कुछ नहीं बल्कि यह ब्रह्मांड खुद अनंत है या फिर इसके आगे और भी ऐसे कई ब्रह्मांड है यानी मल्टीवर्स (Multiverse). वैज्ञानिकों के अनुसार यह संभव है कि हमारे जैसे और भी कई ब्रह्मांड हो सकते हैं. यानी हम सब मल्टीवर्स में रहते हैं.
अगर हम सब मल्टीवर्स का हिस्सा है, तो हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां अनंत संभावनाएं हैं. यानी एक अनंत ब्रह्मांड. जहां बुलबुलों के जैसे दिखने वाले निकॉन ब्रह्मांड मौजूद हैं और अनंत में तैर रहे हैं. लेकिन जब हम इस अनंत की बात करते हैं, तब हमारे सामने एक ऐसी सच्चाई आती है जो आपके होश उड़ा देगी. एक अनंत ब्रह्मांड के होने का मतलब है संभावनाओं का ही खत्म हो जाना, क्योंकि संभावना सीमित क्षेत्र में होती है, अनंत में नहीं.
ब्रह्मांड के अनंत होने का मतलब यह है कि अनंत ब्रह्मांड में हर प्रकार की चीज मौजूद है. अनंत ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी जैसी दिखने वाली एक नहीं बल्कि अनंत पृथ्वियां मौजूद होंगी. न सिर्फ दिखने में समान बल्कि हूबहू ऐसी पृथ्वी जिस पर बिल्कुल हमारी पृथ्वी पर रहने वाले लोग और सभी देश मौजूद हों. जैसी वास्तविकता हमारी पृथ्वी पर है, चाहे वो हर इंसान की पूरी जिंदगी की कहानी हो वैसी अनंत पृथ्वियां वास्तव में होंगी, जिनमें रहने वाले लोगों की जिंदगी पूरी तरह आपसे मिलती हो. मतलब ना सिर्फ आपसे दिखने में सामान बल्कि उनकी जिंदगी में भी वही चल रहा हो, जो आपकी ज़िंदगी में है.
ऐसा हो सकता है कि अगर आप किसी मिशन या काम में असफल हो गए हों तो इस अनंत में कहीं किसी कोने में आपका एक Version (स्वरूप) उस मिशन या काम में सफल भी हो रहा है. ऐसा भी हो सकता है कि आपके ही जैसे दिखने वाले अलग अलग प्रकार के वर्जन अनंत में मौजूद होंगे. यानी आपके छोटे, बड़े, लंबे और पतले वर्जन. ये भी हो सकता है आपका एक स्वरूप किसी ब्रह्मांड में डॉक्टर है तो किसी में एक्टर.
अगर ये सब सच हो तो ऐसा हो सकता है पृथ्वी पर इतिहास की जिन किताबों को आपने पढ़ा हो, वह इतिहास कहीं किसी अनंत दूरी पर मौजूद ग्रह पर वर्तमान में घटित हो रहा हो. यानी अनंत ब्रह्मांड होने का मतलब है अनंत वास्तविकता का मौजूद होना. मतलब हो सकता है कि अनंत में हमारा भूत, वर्तमान और भविष्य कहीं न कहीं इसी समय एक साथ अस्तित्व में है. यानी जो आपका अतीत है वह कहीं पर वर्तमान है और जो आपका भविष्य है, वह हो सकता है कि अनंत के किसी कोने में वर्तमान है. तो अपने कल्पना के घोड़े दौड़ाइए और सोचिए ये अनंत ब्रह्मांड अपने में कितने रहस्यों को समेटे हुए है.
-भारत एक्सप्रेस
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