San Pedro Prison: दुनिया भर में तमाम जेलें है, जिसमें तरह-तरह के कैदी रहते हैं. अभी तक जेलों को लेकर यही खबर सामने आती रही है कि जेलों में कैदियों को अच्छा खाना दिया जाता है और इलाज तक की सुविधा दी जाती है. हालांकि एक शख्स ने दावा किया है कि दुनिया में एक ऐसी भी जेल है जहां पर सिर्फ सड़ने के लिए कैदियों को रखा जाता है. इस जेल की क्षमता 600 कैदियों की है लेकिन इसमें करीब 3 हजार कैदियों को इसमें ठूंस-ठूंस कर रखा जाता है और चाकू घोंपने की घटना तो यहां आम है. पल-पल में मारपीट और दंगे होते रहते हैं. तो वहीं यहां रहने वाले कैदियों को उनके परिवार से भी नहीं मिलने दिया जाता है, जबकि अन्य जेलों में ऐसा नहीं है.
इस खतरनाक जेल को लेकर ब्रिटेन के एक शख्स ने रूह कंपा देने वाला खुलासा किया है. शख्स का नाम जॉन हेनशॉ है और वह ब्रिटेन के ग्रेटर मानचेस्टर, अथेर्टन के निवासी हैं. उनका दावा है कि दुनिया की सबसे खतरनाक जेल उन्होंने दक्षिण अमेरिका के बोलिविया में देखी है. वह बताते हैं कि एक बार बोलिविया के ला पैज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जरा सी मात्रा में गांजा ले जाने के आरोप में उनको गिरफ्तार कर लिया गया था और इसी जेल में डाल दिया गया था. फिर वह इसी जेल में रहे थे जिसका नाम सैन पेड्रो जेल है. उनका दावा है कि इस जेल में कैदियों को तरह-तरह से परेशान किया जाता है. यहां पर मारपीट से लेकर चाकू घोंपने तक की घटनाएं बिल्कुल आम हैं और 24 घंटे होती रहती हैं.
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दावे के मुताबिक इस जेल में अमीरों और गरीबों को अलग-अलग सुविधा दी जाती है. जॉन की पूर्व पत्नी और उनकी 15 साल की बेटी ने बताया कि एक टॉयलेट को 120 लोगों के साथ शेयर करना पड़ता है. पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिलता था. जॉन को 30 दूसरे कैदियों के साथ जमीन पर सोना होता था. उन्होंने दावा किया कि इस जेल को 600 लोगों के लिए बनाया गया था लेकिन अब करीब 3000 कैदी यहां पर रखे जाते हैं. उन्होंने ये भी दावा किया है कि अगर अकेले रहना चाहते हैं तो सेल को खरीदने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है. दावे में ये भी कहा गया है कि बिजली के झटके भी दिए जाते हैं. यहां पर जॉन जैसे कैदी को 90 दिन के लिए रखा जाता है.
जॉन की पूर्व पत्नी दावा करती हैं कि यहां पर रहने वाले कैदियों को उनके परिवार से नहीं मिलने दिया जाता है. बाहर क्या हो रहा है कैदी को पता ही नहीं चल पाता है. उन्होंने दावा किया कि यहां लंबे समय से रहने वाले कैदी और राजनैतिज्ञ सुइट्स में रहते हैं, जहां वाई फाई और जकूजी जैसी सुविधाएं तक होती हैं. तो वहीं गरीब कैदियों को 15 मीटर की ऊंची दीवारों के अंदर एक बर्फीली जगह में रखा जाता है और खाना भी नहीं दिया जाता है. केवल सेव वाले कैदियों को ही अपने परिवार वालों से मिलने की सुविधा दी जाती है. तो सेल वाले कैदी अपनी पत्नी, बच्चों के साथ ही अपने पालतू जानवर तक को यहां रख सकते हैं.
यहां अधिकांश कैदी नशीले पादर्थ के आरोपों में सजा काट रहे हैं. जॉन के परिवार का दावा है कि इस जेल को पूरी तरह से कैदी ही संचालित करते हैं और गार्ड कैदियों की आपराधिक गतिविधियों को देखते तक नहीं हैं. जॉन का परिवार दावा करता है कि जॉन को छुड़ाने के लिए उन लोगों ने करीब सवा तीन लाख रुपए खर्च किए. जेल के अंदर खाने की कीमत रोज दूसरे कैदियो को अदा करनी होती है. फिलहाल जॉन के परिवार का दावा है कि इससे खतरनाक जेल उन्होंने कहीं नहीं देखी. अन्य मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस जेल में यौन अपराधियों को बहुत ही खतरनाक सजा दी जाती है. एक कंक्रीट के बने कुंए में डालकर उन्हें तब तक पीटा और बिजली के झटकों से यातनाएं दी जाती हैं जब तक उनके प्राण नहीं निकल जाते. इस जेल को इसलिए भी जाना जाता है कि यहां बंद कैदी खुद ही अपने साथ न्याय कर लेते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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