उत्तर प्रदेश में भाजपा इस महीने 44 जिलों में विभिन्न आदिवासी जाति समूहों का सम्मलेन बुलाने की तैयारी कर रही है. ये सम्मलेन ऐसे वक्त में होने जा रहा है जब पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, जिसके बाद राजनीति पूरे शबाब पर है. प्रदेश में कांग्रेस-बीजेपी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी और मायावती की पार्टी बसपा भी अपनी किस्मत आजमा रही है. समाजवादी पार्टी और बसपा का फोकस खासकर दलित और आदिवासी वोटरों पर है, जिसको लेकर बीजेपी की चिंताएं बढ़ी हुई नजर आ रही हैं.
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से 47 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इन आरक्षित सीटों में से 30 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 16 सीटें जीती थीं, जबकि एक सीट एक निर्दलीय ने जीती थी.
पिछले महीने मध्य प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ राजनगर विधानसभा क्षेत्र में एक आदिवासी परिवार के घर पर भोजन किया था. अखिलेश यादव ने जमीन पर बैठकर पत्तल पर भोजन किया था. दूसरी तरफ, बसपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनावों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन किया है. बसपा के नेता इस समुदाय के लोगों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी आगे आने के लिए उन्हें मंच प्रदान कर रही है. ऐसे में बसपा और सपा की इस रणनीति से बीजेपी को अपने वोटबैंक में सेंधमारी का डर सताने लगा है.
हालांकि, यूपी में होने वाले ‘प्रबुद्ध और जनप्रतिनिधि सम्मेलन’ को लेकर बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष संजय गोंड का कहना है कि इन सम्मेलनों का मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों से कोई कनेक्शन नहीं है. उन्होंने कहा कि इन सम्मेलनों का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी को मजबूत करना है.
‘प्रबुद्ध और जनप्रतिनिधि सम्मेलन’ के लिए यूपी बीजेपी वकीलों, डॉक्टरों, शिक्षकों, पत्रकारों, डॉक्टरों, व्यापारियों, पंचायत एवं शहरी स्थानीय निकायों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करेगी. पार्टी के एसटी मोर्चा द्वारा 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक 44 जिलों में बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें वे 14 जिले भी शामिल हैं जिनकी सीमाएं मध्य प्रदेश से लगती हैं.
ये भी पढ़ें: एमपी-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में क्या हैं पीएम मोदी के चुनावी मुद्दे?
संजय गोंड ने कहा कि ये कार्यक्रम हमारे समुदाय के लोगों को भाजपा से जोड़ने के लिए हैं. इन कार्यक्रमों में पार्टी केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएगी. पार्टी के नेता इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि आदिवासी समुदायों को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से कैसे लाभ मिला है और उनका जीवन किस तरह से बदला है. साथ ही समुदाय के लोगों से सुझाव भी लिए जाएंगे कि उनके लिए आगे और क्या बेहतर कदम उठाए जा सकते हैं.
दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि यूपी में होने वाले इन कार्यक्रमों से एमपी में पार्टी को लाभ मिलना चाहिए. उनका कहना है कि सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों के रिश्तेदार मध्य प्रदेश में रहते हैं और वे एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें ST और 35 SC के लिए आरक्षित हैं. चुनावों के लिए अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी की जाएगी, जबकि मतदान 17 नवंबर को होगा और विधानसभा चुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होंगे.
-भारत एक्सप्रेस
संजू सैमसन और तिलक वर्मा की रिकॉर्ड साझेदारी और अर्शदीप सिंह की घातक गेंदबाजी ने…
Jhansi Hospital Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू, पीएम मोदी…
Lakshmir Bhandar Scheme: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की ओर से लक्ष्मी भंडार स्कीम…
Jhansi Medical College Fire: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में शुक्रवार…
झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में शुक्रवार…
Gomati Book Festival 2024: गोमती पुस्तक मेला में पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 30…