उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. योगी के मुख्यमंत्री बनते ही उत्तर प्रदेश के पॉवर कॉरिडोर में अजीबोगरीब खलबली मच गई क्योंकि जो लोग योगी आदित्यनाथ को पहले से जानते थे या उनके बारे में सुनते आए थे उनको स्पष्ठ रूप से पता था कि योगी आदित्यनाथ किसी लकीर के फकीर नहीं हैं बल्कि एक अलग और बड़ी लकीर खींचने के लिए जाने जाते हैं.
21वीं सदी के पहले दशक के शुरुआती दिनों में उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन करके पूरे प्रदेश में संगठन खड़ा कर दिया. हिन्दू युवा वाहिनी का प्रभाव उत्तर प्रदेश के साथ – साथ बिहार एवं नेपाल में भी काफी रहा, देश के अन्य राज्यों में रहने वाले हिन्दी भाषी लोगों के बीच भी इस सदी के पहले दशक एवं दूसरे दशक में जबरदस्त क्रेज़ देखने को मिला.
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी को निष्क्रिय करके अपना पूरा फोकस उत्तर प्रदेश में सरकार चलाने पर किया जिसकी बदौलत ही वह सभी मिथकों को तोड़ते हुए 25 मार्च 2022 को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले पाये.
वर्तमान समय में अगर योगी सरकार 2.0 के कार्यकाल को अगर ध्यान से देखा जाए तो पूरी सरकार का मुख्य केन्द्र बिन्दु सिर्फ और सिर्फ विकास है, और इसकी पुष्टि राज्य में आयोजित हुए सफ़लतम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने की है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लगभग 2200 दिनों में विकास के नये आयाम स्थापित किये हैं, जिसकी तुलना राज्य में पिछले 60 वर्षों में हुए कार्यों से हो रही है. राज्य के जीडीपी का ग्रोथ रेट बढ़ने के साथ ही अपराधवाद एवं माफ़ियावाद का ग्रोथ रेट कम होते साफ तौर पर दिख रहा है.
योगी सरकार ने प्रदेश में प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया है और इसके लिए नियमों को आसान बनाते हुए इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को टैक्स फ्री किया है. सूबे में औद्योगिक विकास के लिए उन्होंने जटिल नियमों को सरल करने के साथ ही खुद को राज्य में इन्वेस्टमेंट के लिए कार्य कर रहे औद्योगिक संस्थाओं के लिए सदैव उपलब्ध रखा है.
मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की छवि भले ही कट्टर हिंदूवादी नेता की रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने जो भी फैसले लिए वह राजधर्म का पालन करने वाले थे. उनके फैसलों ने प्रदेश में अमन चैन कायम रखा एवं उनके फैसले सभी धर्मों के लिए समानांतर रहे. इसका साक्षात उदाहरण धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारने के आदेश से जुड़ा हुआ है जहां लाउडस्पीकर उतरे तो मन्दिर और मस्जिद में अंतर नहीं हुआ. राज्य में अगर सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने की मनाही हुई तो कहीं भी सार्वजनिक स्थल पर आरती नहीं हो पाई.
6 वर्षों से लगातार मुख्यमंत्री के पद पर काबिज़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य का नेतृत्व करने के साथ ही अपनी सरकार की छवि को करप्शन फ्री रखा है जो कि अबतक के इतिहास की बड़ी उपलब्धि है.
-भारत एक्सप्रेस
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