Assembly Election: चुनाव के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों और छत्तीसगढ़ की 70 सीटों के लिए मतदान जारी है. दोनों राज्यों में मुख्य चुनावी मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. जहां मध्य प्रदेश में भाजपा सत्तासीन है, वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता बरकरार रखना चाहती है. दोनों राज्यों में बीजेपी ने किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया है. पार्टी ने पीएम मोदी की लोकप्रियता के सहारे ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया है. मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों में से लगभग 18 वर्षों तक भाजपा ने शासन किया है. छत्तीसगढ़ में, बीजेपी, जिसने 2003 से 2018 के बीच लगातार राज्य पर शासन किया, मुख्यमंत्री भूपेश बहगेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बदलने की कोशिश कर रही है. चुनाव से पहले दोनों राज्यों में राजनीतिक दलों ने प्रचार के दौरान मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का दूसरा और अंतिम चरण का मतदान जारी है. कुल 958 उम्मीदवार, जिनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव, आठ राज्य मंत्री और चार संसद सदस्य शामिल हैं. दोनों राज्यों के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. आइये दोनों राज्यों के हाई प्रोफाइल सीटों पर एक नजर डालते हैं. बता दें कि एमपी में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच सत्ता की मुख्य लड़ाई के साथ कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं. आज 5,60,60,925 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं.
1. बुधनी: मुख्यमंत्री का गढ़
मुख्य उम्मीदवार: शिवराज सिंह चौहान (बीजेपी) बनाम विक्रम मस्तल (कांग्रेस)
पिछले विजेता: 2018, 2013 – शिवराज सिंह चौहान (भाजपा)
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2006 से बुधनी में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं और इसे अपनी जेब क्षेत्र में बदल दिया है. उनकी जीत का अंतर काफी महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस नेता अरुण यादव को 58,999 वोटों से हराया था. बुधनी ने पिछले तीन चुनावों में महत्वपूर्ण जीत का अंतर देखा है, 2013 में सबसे बड़े अंतर के साथ, जहां चौहान ने 84,805 वोटों और लगभग 70 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की.
छिंदवाड़ा: कमलनाथ का गढ़
मुख्य उम्मीदवार: कमल नाथ (कांग्रेस) बनाम विवेक बंटी साहू (भाजपा)
पिछले विजेता: 2018 – दीपक सक्सेना (कांग्रेस); 2013 – चंद्रभान के सिंह (भाजपा)
छिंदवाड़ा में कमलनाथ की मजबूत पकड़ है, उन्होंने मई 2019 में उपचुनाव में 25,800 से अधिक मतों के अंतर से विधानसभा सीट जीती थी. उनका दशकों लंबा राजनीतिक करियर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनकी रिकॉर्ड नौ जीत में परिलक्षित होता है. नाथ भाजपा का मुकाबला करने और सीएम पद के लिए मजबूत चेहरा हैं.
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नरसिंगपुर: बीजेपी के ओबीसी चैंपियन
मुख्य उम्मीदवार: प्रहलाद सिंह पटेल (भाजपा) बनाम लाखन सिंह पटेल (कांग्रेस)
पिछले विजेता: 2018, 2013 – जालम सिंह पटेल (भाजपा)
भाजपा ने रणनीतिक रूप से मजबूत ओबीसी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को उनके भाई जालम सिंह पटेल की जगह नरसिंगपुर से मैदान में उतारा है. पटेल बंधुओं ने क्षेत्र में भाजपा के गढ़ को सफलतापूर्वक बनाए रखा है, जिसमें जालम सिंह ने 2013 और 2018 का चुनाव जीता था. प्रह्लाद सिंह की उम्मीदवारी से नरसिंगपुर में भाजपा की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है.
इंदौर-1: ए क्लैश ऑफ टाइटंस
मुख्य उम्मीदवार: कैलाश विजयवर्गीय (भाजपा) बनाम संजय शुक्ला (कांग्रेस)
पिछले विजेता: 2018 – संजय शुक्ला (कांग्रेस); 2013 – सुदर्शन गुप्ता (भाजपा)
भाजपा ने वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है, जहां से वर्तमान में कांग्रेस के संजय शुक्ला प्रतिनिधित्व करते हैं. 2008 और 2013 में भाजपा द्वारा सीटें जीतने के बाद, पार्टी का लक्ष्य एक मजबूत नेता को मैदान में उतारकर क्षेत्र में अपना प्रभुत्व फिर से हासिल करना है.
पाटन
छत्तीसगढ़ की सबसे हाई प्रोफाइल सीट पाटन है. यहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस की तरफ से मैदान में हैं. वहीं सीएम के खिलाफ भाजपा ने भूपेश के भतीजे विजय बघेल को टिकट दिया है. चाचा-भतीजे की सियासी जंग ने इस सीट को सबसे चर्चित सीट बना दिया है.
अंबिकापुर
उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की दावेदारी से अंबिकापुर सीट सुर्खियों में है. उपमुख्यमंत्री का चुनावी हलफनामा भी चर्चा का विषय रहा, जिसमें उन्होंने अपनी कुल 447 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई है. अबकी बार टीएस ‘बाबा’ का मुकाबला भाजपा के राजेश अग्रवाल से है.
सक्ती
यहां से विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने पहली ही सूची में विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को सक्ती से फिर से टिकट दिया था. महंत के सामने भाजपा ने खिलावन साहू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
दुर्ग ग्रामीण
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग ग्रामीण से कांग्रेस के टिकट पर दावेदारी पेश कर रहे हैं. वहीं भाजपा ने ललित चंद्राकर को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर पिछले तीन में से दो चुनावों में भाजपा को जीत मिली है, जबकि पिछली बार ही कांग्रेस ने सफलता हासिल की थी.
रायगढ़
छत्तीसगढ़ विधानसभा की वीआईपी सीटों में से इस बार रायगढ़ सीट पर सबकी निगाह टिकी है. यहां इस बार फिर पूर्व आईएएस ओपी चौधरी रायगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार भाजपा ने उनकी सीट बदल दी है. इस बार पार्टी उन्हें खरसिया की जगह रायगढ़ से चुनाव लड़ा रही है. ओपी चौधरी के सामने कांग्रेस से प्रकाश शक्रजीत नाइक हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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