संसद सत्र: इस साल पराली जलाने के मामलों में 32 प्रतिशत की कमी आई है – राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सरकार के प्रयासों की वजह से, पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामलों में 32 प्रतिशत की कमी आई है. पिछले साल 2021 में पराली जलाने के 78,550 मामले थे, लेकिन इस साल 53,900 मामले सामने आए हैं. इसका श्रेय भारत सरकार के कानून को जाता है, जिसके अंतर्गत हमने नेशनल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग अथॉरिटी का निर्माण किया है. दिल्ली में जो प्रदूषण है वो दिल्ली की वजह से नहीं, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के कारण है. इसको NCR भी नहीं मानना चाहिए, बल्कि एयर शेड की पहचान को हमने कानूनी स्वीकृति दी थी. इस एयर शेड के अंतर्गत हमने पराली जलाने वाले काफी किसानों को साथ लिया. हरियाणा सरकार बधाई की पात्र है क्योंकि वहां पराली जलाने के 40 प्रतिशत मामलों में कमी आई है. दिल्ली में 2014 से पहले प्रदूषण, वाहनों की वजह से होता था लेकिन जब से हमारी सरकार आई है तब से ईस्टर्न हाईवे और वेस्टर्न हाईवे को पूरा किया गया. अब बाहर आने वाले वाहन दिल्ली के बाहर से ही जाने लगे हैं. इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन के लिए हमने इंडस्ट्रीज़ को पूरी तरह पीएनजी कर दिया है. एनसीआर में भी PNG को 30-40 प्रतिशत आगे बढ़ाया है. ईंट भट्टे के लोग भी अब ज़िग-ज़ैग टेक्नोलॉजी की तरफ मुड़ गए हैं. डीज़ल जेनेरेटर पर पाबंदी लगाई गई. इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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