उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक, 2022 को अपनी स्वीकृति दे दी है, जिसमें गैरकानूनी धर्मांतरण को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए अधिकतम 10 साल के कारावास की सजा का प्रावधान है. विधेयक को इस साल 30 नवंबर को राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि राज्यपाल ने इस सप्ताह के शुरू में कानून को अपनी मंजूरी दे दी.
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