बिजनेस

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में भारत के औपचारिक रोजगार का प्रदर्शन बेहतर रहा

भारत में औपचारिक रोजगार सृजन की गति वर्ष की पहली छमाही में भी बनी रही तथा तीनों सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नए रोजगारों की संख्या में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में वृद्धि हुई, जबकि सितंबर के आंकड़ों में औपचारिक रोजगार सृजन में और गिरावट देखी गई.

कर्मचारी भविष्य निधि योजना में नए नामांकन, जो बड़े संगठनों और बेहतर वेतन वाले कर्मचारियों पर लागू होते हैं, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस साल की पहली छमाही में 2.3 प्रतिशत बढ़े, जिससे 61 लाख कर्मचारी जुड़े.

कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए अंशदान, जो छोटे संगठनों और कम वेतन वाले समूहों पर लागू होते हैं, में और भी तेजी से वृद्धि हुई तथा वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 93 लाख की वृद्धि हुई, जो पिछले वित्त वर्ष के 88 लाख से 5.2 प्रतिशत अधिक है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की सदस्यता भी 6.8 प्रतिशत अधिक थी.

मजबूत अर्थव्यवस्था

औपचारिक नौकरियों में वृद्धि पहली छमाही में मजबूत अर्थव्यवस्था को दर्शाती है, लेकिन जुलाई-सितंबर तिमाही के आंकड़े थोड़ी मंदी का संकेत देते हैं. अगस्त और सितंबर में जारी एचएसबीसी के आंकड़ों से सेवा और विनिर्माण गतिविधि में कमजोरी दिखाई दी, जो कि नौकरी बाजार में मंदी की विशेषता भी थी.


ये भी पढ़ें: भारतीय रेल ने साल 2014 से अब तक 500,000 कर्मचारियों की भर्ती की, बोले- रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव


ईपीएफ योजना में नए नामांकन वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 2023-24 की दूसरी तिमाही तुलना में स्थिर रहे, सितंबर में यह संख्या पिछले महीने के 9,80,000 से घटकर 9,50,000 के निम्नतम स्तर पर आ गई. ईएसआईसी योजना में नए नामांकन भी पिछले महीने के 15,20,000 की तुलना में 15 लाख पर पांच महीनों में सबसे कम रहे.

बेहतर बाजार का संकेत

भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत की थोड़ी धीमी गति से बढ़ी, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी.

हालांकि, वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में ईएसआईसी में नए नामांकन 6.8 प्रतिशत बढ़े, जो कम वेतन वाली नौकरियों या बढ़ती औपचारिकता के लिए बेहतर बाजार का संकेत देता है.

एक पखवाड़े पहले वित्त मंत्रालय द्वारा जारी शहरी बेरोजगारी के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी अपने सबसे निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आ गई. यह प्रवृत्ति वेतनभोगी या वेतनभोगी काम करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि के साथ भी मेल खाती है.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express

Recent Posts

भारत का टेलिकॉम बाजार 2029 तक 76.16 बिलियन डॉलर होने का अनुमान, अगले 5 सालों में 1 लाख नए रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद

टीमलीज सर्विसेज (TeamLease Services) के मुख्य रणनीति अधिकारी सुब्बुराथिनम पी ने कहा, अभी देश भर…

23 mins ago

मोदी कैबिनेट ने कृषि, शिक्षा और रेलवे परियोजनाओं के लिए 22,847 करोड़ रुपये के साथ ही PAN सुधार को दी मंजूरी

पैन 2.0 से व्यवसायों की मांगों को पूरा करने, कुशल शिकायत निवारण पर ध्यान केंद्रित…

55 mins ago

संविधान दिवस पर कांग्रेस का ‘संविधान रक्षक अभियान’: लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प

कांग्रेस का यह अभियान 26 नवंबर से 26 जनवरी तक चलेगा और इसका उद्देश्य संविधान…

1 hour ago

आज उत्पन्ना एकादशी पर 3 शुभ योग, इन 5 राशि वालों की बढ़ेगी इनकम

Utpanna Ekadashi 2024: ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी पर आज तीन शुभ…

1 hour ago