Categories: बिजनेस

भारत के जैविक खाद्य निर्यात में 35 प्रतिशत का जोरदार उछाल, वित्त वर्ष 2025 में 665 मिलियन डॉलर का आंकड़ा पार

लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में भारत के जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यात में 35 प्रतिशत का जोरदार उछाल दर्ज किया गया, जो एक वर्ष में बढ़कर 665.96 मिलियन डॉलर (लगभग 5,700 करोड़ रुपये) हो गया. वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 494.80 मिलियन डॉलर था.

मात्रा को लेकर अनाज, चाय, मसाले, औषधीय पौधे, तिलहन और प्रोसेस्ड फूड सहित जैविक खाद्य वस्तुओं का निर्यात 2023-24 में 0.26 मिलियन टन से 41 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 0.37 मिलियन टन (एमटी) हो गया. सरकार ने कहा कि यह बढ़ोतरी भारतीय जैविक खाद्य उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग को दर्शाती है. अमेरिका भारतीय जैविक निर्यात के लिए एक प्रमुख गंतव्य है, जबकि यूरोपीय संघ, कनाडा और यूके भी महत्वपूर्ण बाजार हैं.

प्रोसेस्ड फूड का निर्यात 154.01 मिलियन डॉलर पहुंचा

आंकड़ों के अनुसार, ऑर्गेनिक प्रोसेस्ड फूड का निर्यात 129.61 मिलियन डॉलर से बढ़कर 154.01 मिलियन डॉलर, मेडिशनल प्लांट प्रोडक्ट का निर्यात 72.42 मिलियन डॉलर से बढ़कर 88.57 मिलियन डॉलर, जैविक चाय का निर्यात 34.11 मिलियन डॉलर से बढ़कर 45.13 मिलियन डॉलर, जैविक मसालों का निर्यात 35.93 मिलियन डॉलर से बढ़कर 45.42 मिलियन डॉलर और जैविक तिलहन का निर्यात 25.64 मिलियन डॉलर से बढ़कर 36.20 मिलियन डॉलर हो गया.

वहीं जैविक चावल और बाजरा का निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 86.66 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 161.67 मिलियन डॉलर हो गया.

1 अरब डॉलर जैविक उत्पाद निर्यात का लक्ष्य

भारत का लक्ष्य जैविक उत्पाद निर्यात में 1 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करना है और देश ने 2030 तक 2 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है. सरकार जैविक खेती और निर्यात को बढ़ावा देने की पहल पर काम कर रही है, जिसमें व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए दूसरे देशों के साथ पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) शामिल हैं.

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) को क्रियान्वित करता है, जो भारत में जैविक उत्पादन, प्रोसेसिंग और व्यापार के लिए मानक निर्धारित करता है. उत्पादों को एनपीओपी के तहत प्रमाणित किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करते हैं.

जैविक उत्पादों की वैश्विक मांग लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है और बढ़ते प्रचार और उत्पादन के साथ, यह मांग 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. भारत में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक जैविक किसान हैं और जैविक खेती के तहत क्षेत्र के मामले में यह दूसरे स्थान पर है.


ये भी पढ़ें: 2024-25 में भारत के राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल ढुलाई 145.5 मिलियन टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची


-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Desk

Recent Posts

Rajnath Singh Gujarat Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज से दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे गुजरात, भुज एयरबेस का करेंगे दौरा

क्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बादामी बाग कैंट का दौरा करने के…

11 minutes ago

गरीबों की थाली तक राशन पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना, अंत्योदय कार्ड लाभार्थियों की संख्या हुई 1.29 करोड़ पार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार हर जरूरतमंद तक राशन पहुंचाने की व्यवस्थाओं…

18 minutes ago

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में हो रही मनमानी!

फीस वृद्धि का सबसे गहरा प्रभाव मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के परिवारों पर पड़ा है.…

29 minutes ago

नक्‍सली अटैक, पुलवामा और पहलगाम आतंकी हमला… सोशल मीडिया पर आखिर क्‍यों हो रही है DGP नलिन प्रभात की चर्चा

DGP नलिन प्रभात सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं. पहलगाम, पुलवामा, बीजापुर और दंतेवाड़ा हमलों…

10 hours ago