महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने सोमवार को घोषणा की कि शहर के प्रवेश द्वारों (Entry Gates) पर स्थित सभी पांच टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर हल्के वाहनों के लिए मुंबई एंट्री टोल (Mumbai Entry Toll) मंगलवार रात 12 बजे से माफ कर दिया जाएगा.
यह निर्णय महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) से कुछ दिन पहले आया है और यह राज्य सरकार की मतदाता-हितैषी पहल शुरू करने की हालिया प्रवृत्ति के अनुरूप है.
जिन पांच टोल प्लाजा पर यह छूट लागू होगी, वे वाशी, ऐरोली, मुलुंड (एलबीएस रोड), मुलुंड (ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे) और दहिसर में स्थित हैं. इस साल की शुरुआत में हर तीन साल में निर्धारित वृद्धि के तहत हल्के वाहनों के लिए टोल को बढ़ाकर 45 रुपये कर दिया गया था.
घोषणा के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘एक विधायक के तौर पर मैंने हमेशा मांग की थी कि टोल माफ किए जाएं. मैं टोल के खिलाफ कोर्ट भी गया था. सीएम माझी लड़की बहिन योजना की तरह ही यह सीएम लड़का प्रवासी योजना है. इस फैसले से यातायात आसान होगा, ईंधन और समय की बचत होगी और पर्यावरण को भी मदद मिलेगी.’
शिंदे ने कहा कि यह फैसला कोई ‘चुनावी जुमला’ नहीं है. यह फैसला चुनावों के लिए नहीं है. यह एक स्थायी फैसला है. यह विपक्षी दलों के चुनावी जुमलों जैसा नहीं है. यह लोगों की सालों से मांग रही है, जिसे हमने पूरा किया है. मुझे यकीन है कि लोग हमें चुनावों में पुरस्कृत करेंगे. शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय का नाम दिवंगत औद्योगिक आइकन रतन टाटा के नाम पर रखेगी.
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बहरहाल, वर्ष 2000 से मुंबई के लोग शहर के प्रवेश द्वारों पर टोल का भुगतान कर रहे हैं, यह महाराष्ट्र सरकार द्वारा क्षेत्र में फ्लाईओवर के निर्माण से जुड़ी लागतों की भरपाई के लिए लागू किया गया उपाय है.
लोक निर्माण मंत्री दादाजी भुसे ने कहा, ‘करीब 3.5 लाख वाहन इन टोल प्लाजा से गुजरते हैं. इनमें से 2.8 लाख हल्के वाहन हैं और बाकी भारी वाहन हैं. सरकार कई महीनों से हल्के वाहनों का टोल माफ करने की योजना बना रही थी. अब वाहनों की लंबी कतारें खत्म हो जाएंगी.’ इस बीच, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि टोल माफ करने का सरकार का फैसला उनकी पार्टी के आंदोलन का नतीजा है.
इससे पहले एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए एकनाथ शिंदे सरकार ने मदरसों में काम कर रहे शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की थी. अब डीएड शिक्षकों का वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर 16,000 रुपये प्रति माह. वहीं बीएड. और बीएससी-बीएड शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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