महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra Assembly Elections 2024) से पहले एकनाथ शिंदे सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. आचार संहिता लागू होने से पहले हुई कैबिनेट की बैठकों में ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कई फायदे दिए गए हैं. कैबिनेट ने 80 प्रस्तावों पर विचार किया, जिसमें से 38 को मंजूरी मिली. इनमें एक प्रमुख फैसला मदरसों में काम कर रहे शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी का है.
मदरसों में वेतन वृद्धि
राज्य सरकार “जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना” के तहत मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक धार्मिक शिक्षा के साथ गणित, विज्ञान, हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और उर्दू जैसे विषय भी पढ़ाए जाएंगे. अब डी.एड. शिक्षकों का वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर 16,000 रुपये प्रति माह. वहीं बी.एड. और बी.एससी-बी.एड. शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय से मदरसों में कार्यरत शिक्षकों में खुशी का माहौल है. उन्हें उम्मीद है कि इस वेतन वृद्धि से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
ओबीसी और आदिवासी समुदाय के लिए कदम
चुनाव से पहले ओबीसी वर्ग को लुभाने के लिए, कैबिनेट ने केंद्र से नॉन-क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की सिफारिश की है. आदिवासी समुदाय के लिए, राज्य ने “शबरी आदिवासी वित्त निगम” का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया है. चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र में 26 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव होंगे, क्योंकि नवंबर में विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. राज्य में 288 विधानसभा सीटों के लिए 9.59 करोड़ वोटर हैं, जिनमें से 49,039 मतदाता सौ साल से ऊपर के हैं। इसके अलावा, महिला वोटरों की संख्या में 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
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-भारत एक्सप्रेस