मनोरंजन

76वां कान फिल्म समारोह-2

जापान के मास्टर फिल्मकार हिरोकाजू कोरे ईडा की फिल्म ‘मोंस्टर’ हमें बच्चों की कोमल दुनिया में ले जाती है। अपनी पिछली फिल्मों ‘शापलिफ्टर’ और ‘ब्रोकर’ के आइडिया को आगे बढ़ाते हुए इस बार उन्होंने बच्चों की निगाह से आधुनिक नैतिकता और तौर तरीकों, स्कूली शिक्षा, सोशल मीडिया की अफवाहों, पारिवारिक निष्क्रियता और कुल मिलाकर इनसे बनते गलतियों के निर्दय मनुष्य (दैत्य या राक्षस) का ड्रामा रचा है। उनकी पिछली फिल्म ‘शापलिफ्टर’ (2018) को 71 वें कान फिल्म समारोह में बेस्ट फीचर फिल्म का ‘पाम डि ओर’ पुरस्कार मिल चुका है।

फिल्म की शुरुआत ही देर रात एक होस्टेस बार की बिल्डिंग में आग लगने और सड़कों पर फायर ब्रिगेड की सायरन बजाती गाड़ियों के दृश्यों से होती। कैमरा पूरे शहर को समेटता हुआ एक छोटे से अपार्टमेंट की बालकनी में ठहर जाता है जहां एक अकेली औरत साओरी अपने बेटे मीनाटो से कह रही है कि उसका स्कूल टीचर मिस्टर होरी उस बार का नियमित ग्राहक था। दूसरी सुबह साओरी का बेटा स्कूल से लौटकर बताता है कि उसके टीचर मिस्टर होरी ने उसे धक्का दिया और उसे ‘सूअर का दिमाग  कहकर अपमानित किया। साओरी का पति मर चुका है और वह अकेले मीनाटो को पाल रही है। उसकी शिकायत पर स्कूल प्रशासन एक जांच बिठाता है और यहां से पटकथा लगातार जटिल होती जाती है। कई कहानियां और सच सामने आते है।शहर के किनारे जहां से जंगल और समुद्र शुरू होता है वहां खराब पड़े रेलवे कोच में मीनाटो अपनी सहपाठी लड़की के साथ एक जादुई दुनिया बनाता है। बड़ों की दुनिया के बारे में उनकी बातचीत सवालों का जखीरा बनाते हैं और फिल्म उनका कोई जवाब नहीं देती।

हिरोकाजू कोरे ईडा ने पूरी नैतिकता के साथ घर, स्कूल, पड़ोस और शहर में बच्चों की दिनचर्या और बार बार फ़्लैश बैक में जाकर उनका सूक्ष्म विश्लेषण करते हैं। आधुनिक और अमीर जापान में बच्चों की बदलती दुनिया की ऐसी तस्वीरें विश्व सिनेमा में पहली बार इतने अंतरंग तरीके से सामने आई है। एक एक दृश्य और उनके पीछे छिपे कहानियों का कोलाज फिल्म को ताजगी, रहस्यमय और उम्मीद भरा बनाते हुए नई कलात्मक उंचाई पर ले जाता है।

इस बार कान फिल्म समारोह का जबरदस्त आकर्षण मशहूर स्पेनिश फिल्मकार पेद्रो अलमोदोवार की शार्ट फिल्म ‘स्ट्रेंज वे आफ लाइफ’ और उनकी मास्टर क्लास रही। पेद्रो पास्कल और हालीवुड स्टार ईथान हाक की जबरदस्त अभिनयबाजी के कारण तीस मिनट की यह फिल्म जादुई असर छोड़ती है। अमेरिकी वेस्टर्न शैली में मैक्सिको के सूदूर भूगोल में दो पुराने समलैंगिक मित्रों का पच्चीस साल बाद दोबारा मिलना, घुड़सवारी, पिस्तौल, गोलीबारी सबकुछ ‘ वेस्टर्न ‘ शैली में हैं। दो मर्दों के बीच की दोस्ती और संशय के दृश्य सघन है।

ईथान हाक को संदेह है कि पेद्रो पास्कल के बेटे ने उसकी भाभी की हत्या की हैं। दूसरी सुबह जब वह संभावित हत्यारे को मारने पहुंचता है तो देखता है कि पेद्रो पास्कल वहां पहले से मौजूद हैं। गोलियां चलती है। ईथान घायल हैं और पेद्रो उसका इलाज कर रहा होता है। यह एक पूरी फिल्म की पटकथा है। पता नहीं क्यों पेद्रो अलमोदवार ने इसे शार्ट फिल्म क्यों बनाया।

अजित राय

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

6 hours ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

6 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

6 hours ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

8 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

9 hours ago