कनु बहल की फिल्म ‘आगरा’- भारतीय परिवारों में सेक्स के दमन की अनकही कहानियां
76वें कान फिल्म समारोह के डायरेक्टर्स फोर्टनाइट में दिखाई गई कनु बहल की फिल्म 'आगरा' भारत के निम्न मध्यवर्गीय परिवारों में सेक्स के दमन से पनपते मनोरोग की गहराई से पड़ताल करती है। इस यह दूसरी भारतीय फिल्म है जो कान फिल्म फेस्टिवल के आफिशियल सेलेक्शन में है
76वां कान फिल्म फेस्टिवल: अनुराग कश्यप की ‘कैनेडी’- एक क्राइम ड्रामा की सटीक राजनीति
उदय शेट्टी (राहुल भट्ट) एक पूर्व पुलिस अधिकारी है जो अब मुंबई पुलिस कमिश्नर राशिद खान (मोहित टकलकर) के लिए हत्याएं करता है। दुनिया की नजर में वह मर चुका है और उसका नया नाम है - कैनेडी।
76वां कान फिल्म फेस्टिवल: युद्ध के खतरे के बीच फिनलैंड का दूसरा सच दिखाती है ‘फालेन लीव्स’
फिनलैंड जैसे अमीर देश में गरीबी के आखिरी पायदान पर जी रहे अंसा और होलप्पा की इस मार्मिक प्रेम कहानी के माध्यम से अकी कौरिस्माकी ने आधुनिक यूरोपीय पूंजीवादी सभ्यता का अंधेरा दिखाया है जिस तरफ हमारा ध्यान अक्सर नहीं जाता।
‘किलर्स ऑफ द फ्लॉवर मून’- अमेरिका के महाशक्ति बनने की कहानी
ओसेज इंडियन जनजाति के इलाके में यह सारी लड़ाई तब शुरू होती है जब अचानक बंजर पथरीली धरती पर पेट्रोलियम के असीमित भंडार का पता चलता है और यहां के मूल बाशिंदे अमीर हो जाते हैं।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एक औरत का सिनेमाई प्रतिरोध
प्रतियोगिता खंड में चीन के वैंग बिंग की लंबी डाक्यूमेंट्री 'यूथ'(स्प्रिंग) भी अपने राजनीतिक कथ्य की वजह से चर्चा में है।
76वां कान फिल्म समारोह: जापानी फिल्म मेकर हिरोकाजू कोरे ईडा की मूवी ‘मॉन्स्टर’ ने बटोरी सुर्खियां
इस बार कान फिल्म समारोह का जबरदस्त आकर्षण मशहूर स्पेनिश फिल्मकार पेद्रो अलमोदोवार की शार्ट फिल्म ' स्ट्रेंज वे आफ लाइफ' और उनकी मास्टर क्लास रही.
76वां कान फिल्म समारोह-2
इस बार कान फिल्म समारोह का जबरदस्त आकर्षण मशहूर स्पेनिश फिल्मकार पेद्रो अलमोदोवार की शार्ट फिल्म 'स्ट्रेंज वे आफ लाइफ' और उनकी मास्टर क्लास रही।