फिल्म ‘कुली’ के सेट पर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का एक्सीडेंट भारतीय सिनेमा के इतिहास की एक ऐसी घटना है जिसे फिल्म प्रेमियों के प्यार और दुआओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा. यह हादसा इतना गंभीर था कि डॉक्टर्स को उनकी जान पर खतरा नजर आने लगा था.
शूटिंग के दौरान एक सीन में अमिताभ के पेट पर इतनी जोर से चोट लगी कि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा. जैसे ही ये खबर फैली, पूरे देश में फैन्स उनके लिए दुआ मांगने लगे. लोगों ने मंदिरों में पूजा, मस्जिदों में दुआ और चर्चों में प्रार्थनाएं करनी शुरू कर दीं. अमिताभ बच्चन उस वक्त एक ऐसे सुपरस्टार थे, जिनकी सेहत की खबर पूरे देश की चिंता का विषय बन गई थी.
कई दिनों तक आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद, 2 अगस्त 1982 को अमिताभ अस्पताल से घर लौटे. इस दिन को अमिताभ अपने जीवन का दूसरा जन्मदिन मानते हैं और इसे बड़े उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं. उस वक्त देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंची थीं.
अमिताभ बच्चन के ससुर और प्रसिद्ध पत्रकार तरुण कुमार भादुड़ी ने ‘इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ में अपने सुपरस्टार दामाद की रिकवरी पर एक आर्टिकल लिखा. उन्होंने अमिताभ के एक्सीडेंट की खबर को ‘आसमान से गिरी बिजली’ जैसा बताया. जब वो मुंबई पहुंचे, तो हर जगह से उन्हें एक ही बात सुनने को मिली कि “पूरा देश जाति-धर्म भूलकर उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा है. उन्हें कुछ नहीं होगा.”
भादुड़ी ने आगे लिखा कि जब वो और उनकी पत्नी ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे, तो अमिताभ को देखकर उनकी पत्नी बेहोश हो गईं. अमिताभ को कई ट्यूब्स से जुड़ा देखकर परिवार की हालत खराब हो गई. अमिताभ ने कहा, “हैलो बाबा, मैं सो नहीं पा रहा,” और उनके ससुर ने सांत्वना देते हुए कहा, “कोई बात नहीं, सो जाओगे.” लेकिन भीतर से वो भी जानते थे कि यह सिर्फ दिलासा था.
अमिताभ बच्चन से मिलने पहुंचीं इंदिरा गांधी के बारे में भादुड़ी ने लिखा, “मिसेज गांधी और राजीव गांधी भी अलग-अलग अमिताभ से मिलने आए. जब अमिताभ ने इंदिरा गांधी से कहा, ‘आंटी, मुझे नींद नहीं आ रही,’ तो मिसेज गांधी की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा, ‘नहीं बेटा, तुम्हें नींद आएगी. कई बार मुझे भी नींद नहीं आती, तो क्या हुआ?’”
अमिताभ की स्थिति धीरे-धीरे बेहतर होती गई, और जब वह अस्पताल से डिस्चार्ज हुए, तो उन्होंने अपने फैन्स का धन्यवाद किया. दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्यू में अमिताभ ने कहा, “मैं सबसे ज्यादा आप सभी लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थनाएं की. चाहे मंदिर में, मस्जिद में, या चर्च में, आपने मेरी जिंदगी के लिए दुआएं कीं. मैं आप सभी को नहीं जानता, फिर भी आपने मेरे लिए प्रार्थना की और मैं इसके लिए आभारी हूं.”
अमिताभ के ससुर तरुण कुमार भादुड़ी ने डॉक्टर्स की कड़ी मेहनत का क्रेडिट न मिलने पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने लिखा, “अमिताभ की जिंदगी बची, और सबने इसे ‘ईश्वर की कृपा’ कहा. मैं इससे सहमत नहीं हूं. अगर अमिताभ नहीं बचते, तो लोग डॉक्टर्स को दोष देते. अब जब वो बच गए हैं, तो डॉक्टर्स की तारीफ क्यों नहीं हो रही? मुझे लगता है कि ये ब्रीच कैंडी अस्पताल का मेडिकल मार्वल है, न कि कोई चमत्कार.”
अमिताभ बच्चन का यह एक्सीडेंट भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जो उनके स्टारडम को और मजबूत बना गया. उनके फैन्स की दुआएं और डॉक्टर्स की मेहनत, दोनों ने मिलकर इस महानायक को दूसरी जिंदगी दी.
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-भारत एक्सप्रेस
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