Happy Birthday sharmila tagore: शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) अपने जमाने की बेहद खूबसूरत एक्ट्रेस थीं. उनके हुस्न पर जहां लाखों-करोड़ों लोग फिदा थे. तो वहीं क्रिकेट के धुरंदर मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) भी शर्मिला को पहली बार देख उन्हें अपना दिल दे बैठे थे. दोनों पहली नजर में एक दूसरे से प्यार करने लगे थे लेकिन शर्मिला ने इतनी आसानी से हामी नहीं भरी थी. मंसूर अली खान ने उन्हें इंप्रेस करने के लिए तमाम पापड़ बेले, तब जाकर शर्मिला की जुबान से अपनी मुहाब्बत के लिए हामी भरवा पाए. तो चलिए शर्मिला टौगोर के 78वें जन्मदिन पर जानते हैं मंसूर अली खान के साथ उनकी दिलचस्प प्रेम कहानी.
शर्मिला टौगोर जहां अभिनय की दुनिया में अपना नाम कमा रही थीं तो वहीं मंसूर अली खान क्रिकेट के मैदान के धुरंदर कहे जाते थे. बॉलीवुड गलियारे से निकलकर ये प्यार की कहानी कैसे खेल के मैदान तक पहुंचीं, तो चलिए शुरुआत से बताते हैं. कोलकाता में शर्मिला के घर पर मंसूर की पहली मुलाकात हुई थी. पटौदी अपने दोस्त के साथ किसी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे जहां उन्होंने शर्मिला को पहली बार आमने-सामने देखा था और देखते रह गए थे. नवाब शर्मिला की मुस्कान पर कायल हो गए थे और शर्मिला भी उन्हें देखते ही उनपर फिदा हो गईं थीं.
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मंसूर अली खान की भी उन दिनों जबरदस्त फैन फॉलोइंग थी. लड़कियां उनकी तस्वीरें बैग में रखकर चलती थीं. लेकिन युवा कप्तान पटौदी का शर्मिला को मनाना थोड़ी तेढ़ी खीर थी. शर्मिला को इंप्रेस करने के लिए पटौदी ने उन्हें रेफ्रिजरेटर तोहफे में दिया था. उस समय रेफ्रिजरेटर रसोई घर की शान हुआ करती थी और किसी को तोहफे में फ्रिज देना तो बड़ी बात ही हुआ करती थी. इसके अलावा मंसूर, शर्मिला टैगोर को फूल, कार्ड, लेटर और तोहफे भेजते रहते थे और एक दिन शर्मिला ने भी अपने प्यार का इजहार करते हुए पटौदी को इस रिश्ते के लिए हां कह दिया.
मंसूर अली खान और शर्मिला को लेकर वैसे तो कई किस्से सुनने को मिलते हैं लेकिन एक दिलचस्प किस्सा ऐसा है कि मंसूर क्रिकेट के मैदान में शर्मिला का स्वागत छक्के जड़कर किया करते थे. ये भी कहा जाता है कि शर्मिला जहां बैठती थीं, वहीं मंसूर सिक्स लगा देते थे.
27 दिसंबर, 1969 को पूर्व कप्तान नवाब मंसूर अली खान पटौदी से शादी कर शर्मिला टैगोर उनकी बेगम बन गईं. इस शाही शादी में तमाम बड़ी हस्तियों ने शिरकत की थी. विवाह के बाद शर्मिला (Sharmila Tagore) ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और वो आयशा सुल्तान बन गईं, हालांकि इस नाम का इस्तेमाल उन्होंने कभी नहीं किया. साल 2011 में 70 साल की उम्र में पटौदी ने दुनिया को अलविदा कह दिया और शर्मिला अकेली हो गईं.
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