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Karnataka News: बाबरी विध्वंस मामले में 31 साल बाद गिरफ्तारी, कांग्रेस-BJP आमने-सामने

Karnataka News: कर्नाटक पुलिस ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 50 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के 30 साल बाद हुआ है. उस समय आरोपी 20 साल का था. इस कार्रवाई के बाद बीजेपी ने दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार हिंदू दार्शनिकों को ‘आतंकित’ कर रही है, जिससे राज्य में राजनीतिक तूफान मच गया है. इस गिरफ्तारी के खिलाफ बीजेपी 3 जनवरी को बेगलुरू में प्रदर्शन करने जा रही है.

बीजेपी ने कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस सरकार 31 साल पुराने मामले को फिर से खोल रही है. हुबली में राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाले दो समर्थकों को गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया. राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाले पूर्व मंत्री अशोक ने आरोप लगाया, ”ऐसे समय में यह गिरफ्तारी हो रही है जब लोग अयोध्या में भव्य मंदिर के दर्शन के ऐतिहासिक अवसर का बैस्ट से इंतजार कर रहे हैं.”

भक्तों को जेल में बंद कर ‘आतंकित’ कर रही है कांग्रेस

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार राम भक्तों को जेल में बंद कर ‘आतंकित’ कर रही है. अशोक ने पूछा, “यहां तक कि मैंने और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी भाग लिया था. क्या आप मुझे और येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने का साहस कर रहे हैं?” यह तब हुआ जब अयोध्या 22 जनवरी को राम मंदिर के भव्य अभिषेक महोत्सव की तैयारी कर रही है. समारोह के दौरान पीएम मोदी मौजूद रहेंगे. हाल ही में मोदी ने अयोध्या में 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई का उद्घाटन किया.

वहीं मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि अगर किसी ने गलती की है तो हम क्या करेंगे? जिसने अपराध किया क्या हम उसे खुला छोड़ दें. हमारी सरकार सारे पुराने मामले खत्म करेगी. पुलिस ने कानून के हिसाब से काम किया है. ये कोई नफरत की राजनीति नहीं है. किसी निर्दोष को हमने गिरफ्तार नहीं किया.

यह भी पढ़ें: New Hit And Run Law: हिट एंड रन कानून के खिलाफ यूपी में थमे ट्रकों-बसों के पहिए, महिला ने सड़क पर ही दिया बच्चे को जन्म

बाबरी विध्वंस मामला

6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद का विध्वंस कर दिया था, क्योंकि यह बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद का हिस्सा था. विध्वंस के बाद पूरे देश में सांप्रदायिक अराजकता फैल गई, जिसमें लगभग 2,000 लोग मारे गए. सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की और मामले की जांच के लिए लिब्रहान आयोग का गठन भी किया. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाते हुए राम मंदिर बनाने का फैसला दिया. वहीं मस्जिद पक्ष को 5 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश भी दिया.

 

-भारत एक्सप्रेस

 

 

Rakesh Kumar

Sr. Sub-Editor

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