Atiq Ahmed Shot Dead: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को पुलिस कस्टडी के बीच बेखौफ अंदाज में गोली मारने वाले हमलावरों ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि दोनो माफिया भाई को उन्होंने गोली फेमस होने के लिए मारी है. तो दूसरी ओर एक शूटर लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनको उससे कोई मतलब नहीं है.
बता दें कि अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन युवकों में से एक ही पहचान लवलेश तिवारी के रूप में हुई है. वह यूपी के बांदा का रहने वाला है. लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी ने मीडिया से कहा कि, उनका अपने बेटे से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या वह इस घटना के बारे में जानते हैं तो उन्होंने कहा कि, टीवी चैनलों से ही उनको इस घटना के बारे में जानकारी मिली, लेकिन उनका इस सबसे कोई मतलब नहीं है. तो वहीं जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि क्या लवलेश घर में रहता था तो उन्होंने इसका जवाब न में दिया और कहा कि, लवलेश प्रयागराज में कब से रह रहा है, उनको इसकी जानकारी नहीं है. वह करीब 7-8 जिन पहले घर आया था. फिलहाल मेरा व मेरे परिवार का इससे कुछ लेना-देना नहीं है.
लवलेश के पिता ने बताया कि उनकी अपने बेटे से सालों से बोलचाल बंद है. जब उसने एक बिटिया को चौराहे पर थप्पड़ मार दिया था और इस मामले में जेल गया था. तभी से उनकी बोलचाल उससे बंद है. इस मामले में भी उस पर मुकदमा चल रहा है. करीब साल भर पहले जमानत पर छूटा था. इसी के साथ उन्होंने उसके काम को लेकर कहा कि वह कुछ नहीं करता है. नशा करता है. इसीलिए घर ने उसे त्याग दिया. इसी के साथ उन्होंने बताया कि लवलेश ने इंटर तक पढ़ाई की है. बीए में फेल होने के बाद पढ़ाई बंद कर दी थी.
माफिया ब्रदर्स की हत्या में लवलेश के साथ सनी और अरुण भी शामिल थे. पूरे मामले को लेकर शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह का बयान सामने आया है. पिंटू सिंह ने कहा कि, वह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं. हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई. यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था. हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही वह घर छोड़कर भाग गया था.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक तीनों आरोपी अलग-अलग मामलों में पहले भी जेल जा चुके हैं. तो वहीं पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपित कब और कैसे प्रयागराज आए थे. उनका स्थानीय मददगार कौन-कौन हैं. बताया जा रहा है कि, लवलेश तिवारी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर और अरुण मौर्य कासगंज का रहने वाला है. लवलेश तिवारी को लेकर जानकारी सामने आ रही है कि लड़की को थप्पड़ मारने के मामले में जेल गया था.
बता दें कि 15 अप्रैल को देर रात प्रयागराज के काल्विन अस्पताल परिसर में पहुंचे माफिया ब्रदर्स की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वे मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे. मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे तीन युवकों ने एक के बाद एक कई फायर झोंक कर दोनो भाईयों को मौत की नींद सुला दिया था. इसके बाद तीनो आरोपियों ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था. दोनों माफिया ब्रदर्स को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए जेल से प्रयागराज लाया गया था. मालूम हो कि उमेश पाल अपहरण केस में अतीक को उम्रकैद की सजा हुई और वह कई सालों से गुजरात के साबरमती जेल में बंद था तो वहीं उसका भाई अशरफ भी बरेली की जेल में बंद था.
-भारत एक्सप्रेस
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