Ayodhya Ram Mandir: राम नगरी अयोध्या में इन दिनों जहां एक ओर रामलला के भव्य मंदिर में फिनिशिंग का कार्य चल रहा है तो वहीं रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारी चल रही है. ताजा खबर सामने आ रही है कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम में काशी के 21 वैदिक विद्वान शामिल होंगे. वैदिक विद्वानों की इस टोली में चारों वेदों के ज्ञानी शामिल होंगे. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के संपूर्ण कर्मकांड की जिम्मेदारी काशी के विद्वान पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित को सौंपी गई है. इस मौके पर मुख्य अतिथि पीएम नरेंद्र मोदी यजमान की भूमिका में होंगे. कार्यक्रम को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त किया जा रहा है.
बता दें कि प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होने जा रहा है. इस मौके पर विद्वानों की टीम में शामिल पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के पुत्र जयकृष्ण दीक्षित और सुनील दीक्षित को मृगशिरा नक्षत्र में दिन में 11.30 से 12.30 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मुख्य पूजन कराएंगे. मिली जानकारी के मुताबिक, षोडशोपचार पूजन के बाद मूर्ति पर अक्षत छोड़ा जाएगा और पहली महाआरती के बाद रामलला भक्तों को दर्शन देंगे. 16 जनवरी को काशी के काशी के विद्वानों की टोली अयोध्या पहुंच जाएगी और आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार इसी दिन से प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी जाएगी.
प्राण-प्रतिष्ठा के लिए कार्यक्रम का आयोजन 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा. पहले दिन मंदिर ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान और विष्णु पूजन और गोदान होगा तो वहीं दूसरे दिन 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. ये शोभायात्रा पूरी अयोध्या में भ्रमण करेगी. इसी के साथ ही मंगल कलश यात्रा भी निकलेगी. 81 मंगल कलश में सरयू का जल लेकर राम भक्त मंदिर पहुंचेंगे और यात्रा में शामिल होंगे.
प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 18 जनवरी को विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा की विधि का शुभारम्ब होगा. इस दिन गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन किया जाएगा. तो वहीं 19 जनवरी का दिन भी अनुष्ठान के लिए खास होगा. इस दिन अग्निस्थापन (अरणीय मंथन) द्वारा अग्नि प्राकट्य, नवग्रह स्थापन और हवन होगा. तो वहीं 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोया जाएगा. इसके बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड का आयोजन होगा. फिर 21 जनवरी को 125 कलशों से मूर्ति के दिव्य स्नान के बाद शय्याधिवास करवाया जाएगा. 22 जनवरी को मध्याह्न काल में प्राण प्रतिष्ठा की महापूजा होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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