Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है. रामलला के गर्भगृह का काम 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है. वहीं रामलला का दिव्य स्वरुप कैसा होगा, इसको लेकर भी मंथन का दौर शुरु हो गया है. देशभर के चुनिंदा मूर्तिकार अपने-अपने मॉडल श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप रहें हैं.
रामलला की प्रतिमा को अलग-अलग मूर्तिकारों ने तैयार किया है. एक प्रतिमा में रामलला एक धनुष लिए बैठे नज़र आ रहे हैं तो दूसरी प्रतिमा में रामलला का खड़ा स्वरूप नज़र आ रहा है. शालिग्राम की शिला से रामलला को आकार दिया जाएगा, लेकिन वो आकार कैसा होगा. रामलला का दिव्य स्वरुप कैसा होगा, इसे लेकर मंथन चल रहा है. इसके लिए देश भर के चुनिंदा मूर्तिकार अपने-अपने मॉडल श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप रहें हैं.
अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति नव निर्माणाधीन भव्य मंदिर में रहेगी, लेकिन इनके साथ रामलला की एक दिव्य मूर्ति भी होगी जो 35 फुट दूर से दर्शनार्थियों को स्पष्ट दिखाई दे और यह 5 से 6 वर्षीय बालक की हो क्योंकि राम जन्मभूमि परिसर में श्री राम के बाल रूप की पूजा होती है.
राजस्थान के जयपुर के रहने वाले मूर्तिकार रवि रामरतन मिश्र ने बताया कि मैंने रामलला का एक मॉडल बनाकर दिया है. जिसमें मैंने बताया है कि मेरा किस तरह का वर्क है और किस क्वालिटी का है. ट्रस्ट का कहना है कि हम चार से पांच मूर्ति कलाकारों को बुला करके आपस में कंपटीशन करवाएंगे और जिनका काम अच्छा होगा उसी को काम मिलेगा. अभी तक पांच मूर्ति कलाकार आए हैं.
बाल रामलला की मूर्ति में माथे पर रामनवमी के दिन सीधे सूर्य की किरणें पड़े, इसलिए रामलला के मूर्ति की ऊंचाई लगभग 5 फीट के आसपास होगी. इसके लिए भी दो तरह की मूर्ति का प्रस्ताव आया है. एक धनुष लिए बैठे रामलला की और दूसरी बाल रामलला के खड़े स्वरूप की, हालांकि अधिकतर लोगों की राय खड़े रामलला के स्वरूप की है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि विद्वानों का सुझाव यह था दर्शक कि आंख और भगवान की आंख एक लाइन में आनी चाहिए. जो श्रद्धालु 5 से 10 फीट निकट जाकर दर्शन नहीं कर पाएगा तो उसके लिए ऐसी व्यवस्था बनायी जा रही है कि वो 30 से 35 फिट दूर से ही भगवान की आंख और भगवान के चरण उसकी आंख में आनी चाहिए.
गौरतलब है कि एक जनवरी 2024 तक राम मंदिर तैयार होने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के एक दिन बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने दोहराया था कि मंदिर का निर्माण समय पर पूरा होगा और 2024 के जनवरी महीने में इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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