Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा है. कार्यक्रम को अब मात्र डेढ़ दिन ही शेष रह गए हैं. सोमवार को कार्यक्रम होगा और इसी के बाद राम मंदिर का पट हमेशा के लिए भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे और उनके हाथों से अनुष्ठान होगा. तो वहीं बड़ी संख्या में वीआईपी भी मौजूद रहेंगे. तो इसी के साथ ही कार्यक्रम के लिए सबसे बड़ी तैयारी सुरक्षा को लेकर हो रही है. हजारों की संख्या में आ रहे राम भक्तों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कड़े इतंजाम किए हैं. इसके लिए कई हाई टेक गैजेट्स और एआई की मदद ली गई है. तो वहीं अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान, सैनिकों और NSG कमांडो को तैनात किया गया है.
बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न केवल देश बल्कि विदेश में भी उत्सव का माहौल दिखाई दे रहा है तो वहीं मीडिया सूत्रों की मानें तो प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण न्यूयॉर्क शहर के टाइम्स स्क्वायर में भी किया जाएगा. क्योकि ये एक भव्य और बड़ा इवेंट होने वाला है इसलिए लोगों की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. खबरों के मुताबिक, DOT और सरकार ने कई हाई टेक गैजेट्स लोगों की सुरक्षा के लिए ग्राउंड पर तैनात किए हैं. तो देखते हैं किन गैजेट्स का इस्तेमाल अयोध्या की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है-
अयोध्या में होने जा रहे कार्यक्रम की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के चौतरफा बंदोबस्त किए गए हैं. जल, थल और नभ से पूरी अयोध्या की सुरक्षा रहेगी. पूरे कार्यक्रम के स्मूथ वर्किंग के लिए अयोध्या के आस-पास 20 जगह इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरा मूवमेंट इसी के तहत होगा और VVIPs की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा. इसी के साथ ही सभी जगह एक बूथ बनाया जाएगा जो कि, सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्टेड होगा. यदि कोई गलत या अपराधिक गतिविधि नजर आएगी तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी. इसी के साथ ही सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करते हुए अधिकारी क्राउड मूवमेंट के हिसाब से जरूरी बदलाव सुरक्षा व्यस्था आदि में करेंगे ताकि कार्यक्रम बिना किसी परेशानी के पूरा हो सके. पूरे कार्यक्रम में CCTVs की अहम भूमिका रहेगी.
टायर किलर्स का इस्तेमाल रोड पर किया जाता है ताकि अनऑथोराइज़्ड गाड़ियों को दूर से ही रोक लिया जाए और वे मंदिर अथवा कार्यक्रम स्थल के आस-पास न पहुंच पाएं. तो वहीं बोलार्ड्स किसी भी बिल्डिंग को बड़ी गाड़ियों के अटैक से बचाते हैं. बता दें कि कोई गाडी मंदिर परिसर से न टकराए इसके लिए जगह-जगह पर इन बोलार्ड्स का इस्तेमाल किया गया है. इसी के साथ ही जानकार बताते हैं कि, ये इमरजेंसी सिचुएशन में भी काम आते हैं. अयोध्या राम मंदिर में बोलार्ड्स इस्तेमाल किए गए हैं. ये जन्मभूमि पथ और बूम बैरियर से गुजरने वाले किसी भी वाहन को स्कैन कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर वाहनों को रोक भी सकते हैं.
राम मंदिर परिसर और इसके आस-पास के पूरे क्षेत्र को नो ड्रोन जोन में रखा गया है. इसी के साथ ही एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मंदिर की सुरक्षा करने की पूरी प्लानिंग तैयार की गई है. ये टेक्नोलॉजी जहां कमांड प्रोटोकॉल के आधार पर व्यक्तिगत ड्रोन मॉडल की पहचान करते हुए उस पर कार्रवाई भी कर सकती है. तो वहीं यदि कोई अनऑथोराइज़्ड ड्रोन या फ्लाइंग दिखती है तो इसे रेडियो फ्रीक्वेंसी के सहयोग से मौके पर ही ध्वस्त किया जा सकता है. पूरी अयोध्या में 10,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें से कुछ कैमरे AI का इस्तेमाल भी किया गया है ताकि संदिग्ध लोगों की पहचान मौके पर की जा सके. मंदिर परिसर में लगे कैमरे 90 दिनों तक की रिकॉर्डिंग को स्टोर करके रख सकते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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