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Ayodhya Ram Mandir: “विनाशकाले विपरीत बुद्धि…”, राम मंदिर और प्रतिमा पर सवाल उठाने वालों पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बयान

Ramlala Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा में रामलला की आंखों से कपड़ा नहीं हटा जाएगा. आचार्य रामभद्राचार्य ने आयोजन पर सवाल उठाने वालों को धिक्कारा.

Jagadguru Rambhadracharya

जगद्गुरु रामभद्राचार्य

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को 500 सालों का इंतजार खत्म होने जा रहा है और राम मंदिर का उद्घाटन होने के साथ ही भगवान राम भी अपने स्थान पर विराजमान होने जा रहे हैं. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पीएम नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे. इसी के साथ ही देश-विदेश के तमाम मेहमान भी उपस्थित रहेंगे. तो वहीं राम मंदिर उद्घाटन से पहले मंदिर उद्घाटन से लेकर प्राण-प्रतिष्ठा की विधि और मूर्ति को लेकर तमाम सवाल राजनेताओं द्वारा खड़े किए जा रहे हैं. इस पर सवाल करने पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि, “विनाशकाले विपरीत बुद्धि. उन लोगों को कुछ पता नहीं है.”

बता दें कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर लगातार अनुष्ठान जारी है. 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शनिवार को पांचवां दिन रहा. तो वहीं शुक्रवार को रामलला की प्रतिमा की पूरी तस्वीर सामने आई. इसमें पहली बार रामलला का पूरा चेहरा दिखा. प्रतिमा को लेकर शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा में भगवान की आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते. प्रतिमा में आंखों पर कपड़ा नहीं दिख रहा है तो यह गलत है. इसी के साथ ही उन्होंने इसकी जांच की मांग की है. तो दूसरी ओर राम मंदिर और नई प्रतिमा को लेकर नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों पर न्यूज एजेंसी एएनआई को बयान देते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा- विनाशकाले विपरीत बुद्धि. उन्हें कुछ नहीं पता. उनसे जब पूछा गया कि, कभी राम मंदिर को कभी रामलला की नई प्रतिमा को लेकर राजनेताओं द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं. इस पर चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, विनाशकाले विपरीत बुद्धि. तो वहीं जब ये पूछा गया कि, कांग्रेस के कुछ नेता कह रहे हैं कि, ये बाल्यकाल की मूर्ति हैं. कौशल्या की गोद में ऐसी मूर्ति होनी चाहिए, इस पर रामभद्राचार्य ने कहा- उन्हें कुछ नहीं पता.

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पवित्र नदियों का जल किया जाएगा अर्पित

बता दें कि, प्राण प्रतिष्ठा पर रामलला के अभिषेक के लिए देश भर से पवित्र जल एकत्र किया गया है. इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से तीन नदियों का जल लाया गया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु (कर्नाटक) के रहने वाले जैव शारदा कमेटी के सक्रिय सदस्य मंजूनाथ शर्मा ने तीनों पवित्र नदियों का जल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा है.

रामकथा सुन ओतप्रोत हो रहे हैं भक्त

तो वहीं अयोध्या में रामोत्सव के तहत सरयू तट पर भजन संध्या स्थल पर अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की राम कथा चल रही है. रामकथा के पांचवें दिन भजन के साथ कथा शुरू हुई. इसमें श्रोताओं को राम के महत्व और अयोध्या के बारे में बताया गया.

इस तरह होता है रामलला विराजमान का श्रंगार

मंदिर ट्रस्ट की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, दिन के हिसाब से रामलला विराजमान का शृंगार किया जाता है. सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरे, बृहस्पतिवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीले और रविवार को पिंक वस्त्र रामलला को पहनाए जाते हैं.

वाराणसी से आएंगे 5 क्विंटल लड्डू

मालूम हो कि देश भर से रामलला के भक्त अपने राम को कुछ न कुछ भेंट कर रहे हैं. तो इसी क्रम में वाराणसी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर बांटने के लिए 5 क्विंटल लड्डू तैयार किया जा रहा है. सबसे खास बात ये है कि, महिलाएं अपने हाथ से लड्डू बनाकर उन्हें अयोध्या भेजेंगी और लड्डू बनाते वक्त महिलाओं रामलला से जुड़े भजनों को भी गाती जा रही हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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