देश

Ayodhya Ram Mandir: प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का तीसरा दिन आज…संकल्प के बाद होगी ये पूजा, देखें अनुष्ठान की पूरी विधि

Ayodhya Ram Mandir: भगवान राम के मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूजन विधि लगातार जारी है. अनुष्ठान के तीसरे दिन आज यानी 18 जनवरी 2024, गुरुवार को मध्याह्न 1:20 बजे संकल्प होगा. इसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य – प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी.

बता दें कि प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर 16 जनवरी से अनुष्ठान शुरू हुआ है. 17 जनवरी को जलयात्रा भव्य रूप से हुई थी और भगवान श्री रामलला जी की मूर्ति की शोभायात्रा उत्साह के साथ सम्पन्न हुई थी और मण्डप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ. तो वहीं भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को है. इस मौके पर पीएम मोदी की उपस्थिति में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. तो वहीं इससे पहले होने वाला अनुष्ठान लगातार जारी है. मंदिर ट्रस्टकी ओर से जारी बयान के मुताबिक, सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ 16 जनवरी 2024 से हो गया है, जो 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा.

ये भी पढ़ें- Ayodhya Ram Mandir: राम भक्तों को योगी सरकार ने दी बड़ी सौगात, अब अयोध्या धाम का कर सकेंगे हवाई दर्शन, इन 6 शहरों से शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा, जानें किराया

मंदिर ट्रस्ट की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी लोगों को दर्शन कराया जाएगा. श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है. इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है. समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं. उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए. रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

 

Archana Sharma

Recent Posts

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में आज पहली बार मनाया जा रहा संविधान दिवस, जानें, पहले क्यों नहीं सेलिब्रेट किया जाता था Constitution Day

जम्मू-कश्मीर अपने स्वयं के संविधान और ध्वज के साथ संचालित होता था, जहां सरकार के…

7 seconds ago

एप्पल ने भारत में उत्पादन में बनाया नया रिकॉर्ड, सात महीने में प्रोडक्शन 10 अरब डॉलर के पार

2024-25 के पहले सात महीनों में भारत में आईफोन का उत्पादन 10 अरब डॉलर को…

15 mins ago

मारुति सुजुकी इंडिया ने बनाया कीर्तिमान, 30 लाख वाहनों का किया निर्यात

मारुति सुज़ुकी ने 1986 में भारत से वाहनों का निर्यात शुरू किया था. 500 कारों…

37 mins ago

Mercury Retrograde: आज से बुध की उल्टी चाल शुरू, 20 दिन बेहद संभलकर रहें ये 4 राशि वाले लोग

Mercury Retrograde: ग्रहों के राजकुमार बुध वृश्चिक राशि में वक्री हो चुके हैं. बुध देव…

51 mins ago

शनि की राशि में आ रहे हैं धन के कारक शुक्र, अब चमकेगा इन 3 राशि वालों का भाग्य

Venus Transit 2024 Horoscope: धन और ऐश्वर्य के दाता शुक्र शनि की राशि में प्रवेश…

1 hour ago