Ayodhya: अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. छत का काम भी लगभग पूरा हो चुका है और जनवरी में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम भी होना है. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि मंदिर निर्माण जल्द से जल्द हो, इसके लिए तीन गुना वर्क फोर्स बढ़ा दिया गया है. साथ ही 24 घंटे की शिफ्ट में 16 सौ मजदूर लगातार काम कर रहे हैं और अक्टूबर तक मंदिर निर्माण के कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि शेष वक्त फिनिशिंग के लिए रखा जा सके.
हाल ही में ट्रस्ट की ओर से मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कार्यक्रम जारी किया गया है और मकर संक्रांति के बाद से यानी 15 जनवरी 2024 से लगातार 10 दिन तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम जारी रहने की बात कही गई है. इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा गया है. फिलहाल परिसर के गर्भगृह के भूतल पर केवल फर्श और बिजली का काम शेष रह गया है, जहां ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का कार्यक्रम होगा.
अयोध्या में राम मंदिर को पूरा करने के लिए 1600 कर्मचारियों को लगाया है जबकि अभी तक 550 कर्मचारी काम कर रहे थे. ताकि मंदिर निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके और जनवरी 2024 में भक्तों के लिए खोल दिया जाए.
पहले निर्माण कार्य 18 घंटे की शिफ्ट में हो रहा था जो कि अब 24 घंटे की शिफ्ट में हो रहा है. ट्रस्ट के परियोजना प्रबंधक ने मीडिया को बताया कि मंदिर की भूतल और पहली मंजिल दोनों जनवरी तक पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता दिसंबर तक भूतल को पूरा करना और इसे ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए तैयार करना है. उन्होंने मीडिया को ये भी बताया कि पहली मंजिल का काम भी 1 जुलाई को शुरू हुआ और स्लैब और स्तंभों सहित इसकी प्रमुख संरचनाएं जनवरी तक पूरी हो जाएंगी ताकि श्रद्धालु मंदिर में आ सकें. लेकिन मार्च 2024 तक पहली मंजिल पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी क्योंकि तब तक वहां काम पूरा नहीं होगा.
उन्होंने बताया कि बारिश से परकोटा के काम में बाधा आ रही है, लेकिन बारिश होने पर भी घर के अंदर का काम बदस्तूर जारी रहता है. उन्होंने बताया कि काम में तेजी आई है क्योंकि यह चौबीसों घंटे चल रहा है. अयोध्या के बाहर के इंजीनियरों, पर्यवेक्षण कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों सहित लगभग 1,200 कर्मचारी परिसर में काम कर रहे हैं. एक अन्य परियोजना अधिकारी राधे जोशी ने बताया कि सूर्यास्त के बाद केवल नक्काशी से संबंधित काम रोक दिया जाता है, जबकि अन्य सिविल कार्य निर्बाध रूप से जारी रहते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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