Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बतौर SSP तैनात रहने वाले IPS प्रभाकर चौधरी का तबादला होने के बाद चर्चा जोरों पर है. तबादले के बाद से ही सोशल मीडिया से लेकर समाचारों में उनके तबादले को लेकर तमाम वजहों को लेकर चर्चा हो रही है तो वहीं बीते 8 साल में 15 जिलों की कमान संभाल चुके प्रभाकर चौधरी का कई बार तबादला किया गया है, जिसको लेकर उनके पिता पारस नाथ चौधरी ने भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी जताई है और ये तक कह डाला है कि वह अब आज से भाजपा के खिलाफ रहेंगे और आने वाले चुनाव में भाजपा को वह अपने कुछ इलाकों में जीतने तक नहीं देंगे. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि 21 बार ट्रांसफर झेला है, अब उसे कहीं रुकने तो दो.
इसी के साथ उन्होंने आगे कहा है कि, बेटा अगर एक जगह स्थिर होकर काम करे तो अच्छा रहेगा. जहां एक ओर बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज कराने का आरोप लगने के बाद बरेली के पूर्व एसएसपी आईपीएस प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर का मामला यूपी की राजनीति में तूल पकड़ रहा है तो वहीं सोशल मीडिया से लेकर आम जनता तक मुख्यमंत्री के इस फैसले को गलत करार दे रही है. सोशल मीडिया पर तो लोग यहां तक कह रहे हैं कि, जिस आईपीएस अधिकारी ने बरेली में दंगा होने से बचा लिया, सरकार ने उसे इनाम में ‘ट्रांसफर’ दिया. तो इसी के साथ अब प्रभाकर चौधरी के पिता भी योगी सरकार के खिलाफ उतर गए हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, उनका बेटा होनहार और समझदार है. तभी उसने सिविल सर्विसेज का एग्जाम क्रैक किया. इसी के साथ पिता ने ये भी कहा कि उसमें एक कमी है, चाहे उसे अच्छाई भी कह सकते हैं कि, वह नेताओं की नहीं सुनता है. इसी के साथ प्रभाकर चौधरी के पिता ने ये दावा किया कि, नेता लोग दबाव डालकर गलत काम कराना चाहते हैं, जिसे वह इनकार कर देता है. यही कारण है कि, वह हमेशा नेताओं की नजर में खटकता रहता है. उनके पिता ने ये भी कहा कि वह 40 सालों से भाजपा के साथ जुड़े हैं और राजनीति की सीख उनको भी है. इसी के साथ उन्होंने ये भी बताया कि वह संघ के कार्यकर्ता भी रह चुके हैं.
मीडिया से बात करते हुए पिता पारस नाथ चौधरी ने कहा कि वह बेटे के बार-बार ट्रांसफर से दुखी हैं. सरकार उसके अच्छे काम को लगातार नजरअंदाज कर रही है. इसी के साथ उन्होंने पुरानी एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, सोनभद्र जिले में उंभा कांड हुआ तो सरकार को प्रभाकर की याद आई थी. बेटे ने वहां पर स्थिति को अच्छे से नियंत्रित किया था, लेकिन फिर दो महीने बाद ही वहां से भी उसका तबादला कर दिया गया था. जबकि बेटे ने हमेशा ही देश के कई हिस्सों की जिम्मेदारी बखूबी संभाली है.
प्रभाकर चौधरी मूल रूप से अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले हैं और वह 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. जानकारी सामने आ रही है कि, 13 साल की सर्विस में अभी तक 21 बार उनका तबादला हो चुका है. हालांकि इस दौरान वह कई महत्वपू्र्ण पदों पर भी रहे. वह आगरा के साथ ही मथुरा, मेरठ, बुलंदशहर, बरेली, वाराणसी और मुरादाबाद तक के एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) के पद पर रहे और बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपना पद संभाला. उनको एक ईमानदार पुलिस अधिकारी माना जाता है. इसी सावन के महीने में बरेली जिले में लगातार दो बड़े बवाल होने के बाद यूपी सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया है और उनके ऊपर कांवड़ियों पर लाठीचार्ज करवाने का आदेश देने का भी आरोप लगा है. तो वहीं उनके पिता पारस नाथ चौधरी अपने बेटे के साथ पूरी तरह से खड़े दिखाई दे रहे हैं और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि, अगर उनके बेटे ने दोनों पक्षों को समझाकर शांत न किया होता तो वहां दंगे हो सकते थे. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि, जिस रास्ते से जाने की कांवड़िए जिद कर रहे थे, अगर उनका बेटा वहां से जाने का आदेश दे देता तो 25 से अधिक लोग मारे जाते. इसी के साथ उन्होंने दावा किया कि, उनके बेटे ने दंगा होने से बचा लिया है, लेकिन उसको ट्रांसफर के रूप में सजा दी गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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