Blogger Amelia German: फेमस ट्रैवल ब्लॉगर अमेलिया जर्मन हाल ही में कश्मीर घूमने आई थी. उन्होंने घाटी की सुखद यात्रा के अनुभव को साझा किया है. ब्लॉगर ने कहा कि यह ‘घर से दूर घर’ जैसा ही था. मूल रूप से ब्रिटेन की रहने वाली ब्लॉगर अमेलिया कश्मीर प्रवास के दौरान यहां की प्राकृतिक सुंदरता से काफी प्रभावित हुईं. उन्होंने कश्मीरियों की प्रशंसा की है.
अपनी सुखद कश्मीर यात्रा के बारे में मीडिया से बातचीत में अमेलिया ने कहा,
“मुझे जान मुहम्मद ने कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया था. वो पर्यटन व्यवसाय चला रहे हैं. करीब 12 साल तक ओमान में रहने के बाद जान वतन वापस आ गए. अब वो ओमानी लोगों को कश्मीर बुलाते हैं. जान मुहम्मद 12 साल तक ओमान में रहा और कश्मीरी मुसर बेचता रहा, जिसे वह कश्मीर में अपने घर पर बनाता है. उन्होंने मुझे कश्मीर की प्रकृति, सुंदरता, संस्कृति और जीवन को देखने के लिए आमंत्रित किया था.”
यह भी पढ़ें: जम्मू और कश्मीर में G20 बैठक की मेजबानी केंद्र शासित प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाएगी
बता दें कि अमेलिया कश्मीर आते ही सीधे मध्य कश्मीर बडगाम जिले के मागम क्षेत्र में जान मुहम्मद के घर गई। अमेलिया कई दिनों तक जान के परिवार के साथ ही रही. यहां उन्होंने कश्मीरी जायकों का स्वाद लिया. जान के परिवार ने भी अमेलिया को कश्मीरी आतिथ्य का अनुभव कराया.
अमेलिया ने आगे कहा,
“मैं जान मुहम्मद के परिवार के साथ कश्मीर की यात्रा कर रही थी. मैं उनके साथ ही कश्मीर में रही. हालांकि, मुझे यहां की सुरक्षा स्थिति के कारण चिंता हुई. लेकिन कश्मीर का सुहाना मौसम और वहां की प्राकृतिक सुंदरता के कारण ये आशंका भी दूर हो गईं. उन्होंने कहा कि जब मैंने लोगों को बताया कि मैं कश्मीर जाना चाहती हूं तो लोगों ने मुझसे सवाल किया कि क्या यह सुरक्षित है. हालांकि, मैंने अपने मेजबान पर भरोसा किया कि वे मुझे कहीं भी असुरक्षित नहीं लाएंगे।”
-भारत एक्सप्रेस
भारत की सैन्य ताकत पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है. भारत की सरकार ने…
अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली के Jaitpur और Narela इलाकों से अपहृत युवतियों को नोएडा और…
दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में…
अभी हाल में तीन छात्रों की हत्या ने कनाडा की कानून व्यवस्था, भारतीयों की सुरक्षा…
दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को लक्ष्मी पूरी की याचिका…
यहां हर वर्ष दिसंबर से अप्रैल तक भोलेनाथ बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान होते…