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‘हिजाब-नकाब या बुर्का पहनकर एंट्री न करें..’, महाराष्ट्र के इस कॉलेज के ड्रेस कोड पर खफा हुईं मुस्लिम छात्राएं, विरोध शुरू

NG Acharya & DK Marathe College News: महाराष्ट्र के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में छात्र-छात्राओं के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया, तो मुस्लिम संगठन भड़क गए. मुस्लिमों को इस बात पर ऐतराज है कि कॉलेज परिसर में हिजाब, नकाब और बुर्का पहनने की अनुमति नहीं है.

यह मामला मुंबई स्थित एनजी आचार्य एंड डीके मराठे कॉलेज ऑफ आर्ट्स का है. जहां हाल ही में जूनियर कॉलेज के छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड को संशोधित किया गया, जिसमें फिर से कॉलेज परिसर के भीतर बुर्का या हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इस ड्रेस के लागू होने का पता चलते ही इस्लामिक विचारधारा वाले लोग खफा हो गए.

कॉलेज में हिजाब-बुर्के पर पाबंदी

मुस्लिम छात्र-छात्राओं एवं मौलवियों का समूह विरोध में उतर आया. उनका कहना है कि हम ये कतईं बर्दाश्त नहीं करेंगे. सर्कुलर सामने आते ही फतवा जारी करने की धमकी दी गई. उन्होंने उलटे कॉलेज के प्रिंसिपल को ही चेतावनी दे डाली कि इसको वापस ले लो.

ड्रेस कोड रद्द करने की मांग

कई छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के प्रबंधन के खिलाफ लामबंद होते हुए संशोधित नियमों (ड्रेस कोड) को रद्द करने की मांग की और आरोप लगाया कि ये कॉलेज में पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियों के अधिकारों का उल्लंघन है. बता दें कि कॉलेज में एडमिशन का सर्कुलर 1 मई को जारी किया गया था, जिसके मुस्लिम विरोध में आ गए. 15 मई को मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने प्रिंसिपल डॉ. विद्यागौरी लेले को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की. यहां तक कि कानूनी नोटिस भी भिजवा दिया.

प्रिंसिपल ने कहा- जवाब देंगे

कानूनी नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. लेले ने मीडिया से कहा— “हमें कुछ लोगों से एक कानूनी नोटिस मिला है. हमारे प्रबंधन के निर्देशों के अनुसार, हम इसका जवाब देंगे. हम बताना चाहते हैं कि वो लोग कॉलेज से जारी किए गए सर्कुलर की गलत व्याख्या कर रहे हैं और विद्यार्थियों को गुमराह कर रहे हैं. सर्कुलर में सिर्फ इतना कहा गया है कि मजहब को उजागर करने वाली किसी भी पोशाक को परिसर में अनुमति नहीं दी जाएगी. हमने किसी के प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि छात्र ऐसी कोई भी ड्रेस पहनकर आ सकते हैं, लेकिन कैंपस में प्रवेश करते ही उन्हें कॉमन रूम में इसे उतारना होगा. यह परिसर में सांस्कृतिक और धार्मिक मतभेदों को दूर करने के लिए है.”

दिशा-निर्देशों में आखिर क्या है

कॉलेज के संशोधित दिशा-निर्देशों (ड्रेस कोड के नियमों) में कहा गया है कि बुर्का, नकाब, हिजाब या ऐसी पोशाक जो मजहबी छाप छोड़ती है..उसे परिसर के अंदर नहीं पहनना है. ऐसे जो छात्र-छात्राएं कॉलेज परिसर में आएंगे, वे अपने बैज, टोपी, स्टोल, गमछा इत्यादि को एक कॉमन रूम में हटा देंगे. छात्र-छात्राओं के लिए कहा गया है, “आप फुल शर्ट या हाफ शर्ट, सामान्य ट्राउजर पहन सकते हैं. लड़कियां कोई भी भारतीय पोशाक पहन सकती हैं. हफ्ते में एक दिन ड्रेस कोड में छूट होगी, हालाँकि पोशाक में शालीनता बनाए रखना आवश्यक होगा.”

1 मई, 2024 को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया था— “एसवाई और टीवाई के प्रिय छात्रों…शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए प्रवेश जल्द ही ऑनलाइन मोड में शुरू होंगे. जून 2024 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए, सभी छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड लागू होता है. आपको कॉलेज में फॉर्मल और शालीन ड्रेस पहनकर आना होगा.”

— भारत एक्सप्रेस

Prakhar Rai

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