बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. यह जनहित याचिका प्रचारक डॉ. केए पॉल ने दायर की थी. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा कि ये आपको शानदार विचार कैसे मिले.
याचिकाकर्ता ने एलन मस्क के बयान हवाला देते हुए कहा था कि एलन मस्क भी कहते हैं कि (ईवीएम) EVM से छेड़छाड़ की जा सकती है. याचिकाकर्ता पॉल ने कहा कि मैं लॉस एंजिल्स से एक बड़े वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन से आ रहा हूं. हमारे पास सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और न्यायाधीश हैं. वे मेरा समर्थन कर रहे हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि आप राजनीति के इस क्षेत्र में क्यों प्रवेश कर रहे हैं. डॉक्टर पॉल ने यह भी कहा कि 18 राजनीतिक दलों ने उनकी याचिका का समर्थन किया है और चुनाव आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें चुनाव के दौरान करीब 9000 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. आंध्र प्रदेश के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि चंद्रबाबू नायडू और जगन रेड्डी जैसे राजनीतिक नेताओं ने ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर चिंता व्यक्त की है.
वहीं जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि जब नेता हारते है तो दावा करते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है और जब जीतते है तो कुछ नहीं बोलते है. अदालत ऐसी काल्पनिक दावों पर विचार नहीं कर सकती. इससे पहले अप्रैल में भी सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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