Lucknow News Today: भारतीय राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् जगदीश गांधी, जिन्होंने यूपी के प्रसिद्ध सिटी मोंटेसरी स्कूल की स्थापना की थी…उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज श्रद्धांजलि अर्पित की. इसी साल 22 जनवरी को उनका निधन हो गया था. उन्होंने 87 वर्ष की आयु में मेदांता हास्पिटल में अन्तिम सांस ली थी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज डॉ. जगदीश गांधी के लखनऊ स्थित घर पहुंचे. वहां रक्षा मंत्री ने डॉ. जगदीश गांधी की पत्नी भारती गांधी एवं अन्य परिजनों से मुलाकात की. जगदीश गांधी के परिजनों से रक्षामंत्री की मुलाकात का एक वीडियो सामने आया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं.
शिक्षा क्षेत्र में डॉ. जगदीश गांधी का बड़ा योगदान माना जाता है. उनके बारे में कहा जाता है कि साल 1959 में सिर्फ 5 बच्चों और उधार के 300 रुपये लेकर उन्होंने सिटी मोंटेसरी स्कूल (CMS) कीं नींव रखी थी. वह हाथरस के मूल निवासी और लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष थे. 1969 से 1974 तक उन्होंने एक स्वतंत्र विधायक के रूप में सेवाएं दी थीं. उन्होंने स्टेशन रोड स्थित किराए के जिस घर में स्कूल शुरू किया, वहीं वह रहते भी थे. खुद ही स्कूल की सफाई करते थे और रोजाना बच्चों को पढ़ाते थे.
लोग डॉ. जगदीश गांधी को वन मैन आर्मी के रूप में जानने लगे थे. कई स्थानीय लोग बताते हैं कि वह स्कूल चलाने के लिए सारे काम खुद करते थे. बच्चों को सबसे पहले स्लेट पर ‘जय जगत’ लिखवाते थे. उनका यह सूत्र वाक्य आज भी CMS की सभी शाखाओं में फॉलो किया जाता है. बच्चे जब सुबह स्कूल पहुंचते हैं तो टीचर से गुड मार्निंग कहने से पहले ‘जय जगत’ कहते हैं. डॉ. जगदीश गांधी ने एक इंटरव्यू में खुद ‘जय जगत’ का मतलब बताया था. उन्होंने कहा था— इसका अर्थ है सबसे पहले पूरे विश्व की जय करो.
डॉ. जगदीश गांधी हाथरस स्थित सिकंदराराऊ के बरसौली गांव निवासी थे. वर्ष 1959 में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाणिज्य से स्नातक किया था. उनका रुझान पढ़ाई के दौरान राजनीति में भी रहा. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में ही छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और 1958 से 1959 तक अध्यक्ष रहे. छात्रसंघ अध्यक्ष रहने के दौरान डॉ. गांधी ने स्टूडेंट्स के मुद्दों को लेकर आवाज उठाई और तमाम विद्यार्थियों की भलाई के लिए संघर्ष किया. वह सिकंदराऊ सीट से 1969 में निर्दलीय विधायक भी चुने गए.
सिटी मोंटेसरी स्कूल (CMS) के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, फिलहाल सीएमएस की 21 शाखाओं में 62,000 से अधिक स्टूडेंट्स हैं. उनकी यह उपलब्धि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘विश्व के सबसे बड़े स्कूल’ के रूप में दर्ज है. इस स्कूल को दुनिया के बड़े—बड़े शिक्षाविदों ने सराहा है.
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