Etawah: उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में एक महिला ठेकेदार ने 100 फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़कर इतना जमकर हंगामा काटा कि पुलिस-प्रशासन से हाथ-पांव फूल गए. एक कंपनी द्वारा 80 लाख रुपए का भुगतान ना होने के कारण नाराज महिला ठेकेदार ने ये कदम उठाया. वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनी इस टंकी पर आत्महत्या करने के उद्देश्य से चढ़ गई. महिला ठेकेदार के इस कदम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों सहित तीमारदारों में भी खलबली मच गई. वहीं सूचना मिलते ही मौके पर एसपी सिटी, उप जिलाअधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी भी मौके पर पहुच गए.
पुलिस-प्रशासन द्वारा बहुत समझाने के करीब 3 घंटे बाद महिला पानी की टंकी से नीचे उतरी. इस दौरान उसे समझाने के लिए एसडीएम, सीओ को भी टंकी पर चढ़ना पड़ा. उन्होंने जब महिला ठेकेदार की समस्या को सुनकर निस्तारण का भरोसा दिलाया, उसके बाद ही महिला ठेकेदार पानी की टंकी से नीचे उतरी और उसी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
पूरा ही मामला इटावा जनपद के जसवंतनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां पर महिला ठेकेदार अनीता यादव निवासी ग्राम शाहजहांपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनी 100 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गई और वहां से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास करने लगी. यह देखकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारी सहित तीमारदारों के हाथ पांव फूल गए और बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी द्वारा उप जिलाधिकारी सहित पुलिस क्षेत्राधिकारी को सूचना दी गई, जिसके बाद कुछ ही देर में एसपी सिटी कपिल देव सिंह, उप जिलाधिकारी कौशल किशोर व पुलिस क्षेत्राधिकारी अतुल प्रधान सुरक्षा की दृष्टि से दमकल कर्मी सहित भारी पुलिस बल के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए और महिला ठेकेदार को पानी की टंकी से नीचे उतारने का प्रयास शुरू कर दिया. महिला ठेकेदार का हाई वोल्टेज ड्रामा लगभग 3 घंटे तक चलता रहा, जिसके बाद एसडीएम व सीओ द्वारा खुद पानी की टंकी पर चढ़कर महिला ठेकेदार अनीता देवी की समस्याओ को सुनकर निस्तारण का भरोसा दिलाया. तब जाकर कही महिला ठेकेदार मानी और पानी की टंकी से नीचे उतरी.
बता दें कि महिला ठेकेदार अनीता देवी का आरोप है कि सन 2019 में एक कंपनी के साथ उनकी कंपनी ने जसवंत नगर क्षेत्र में ही एक हाईवे का निर्माण किया था. तब से लेकर अभी तक कंपनी द्वारा मेरी कंपनी का 80 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया. इस मामले को लेकर वह कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुकी हैं लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. इसी वजह से उनको यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा.
-भारत एक्सप्रेस
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