विझिंजम बंदरगाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्रिकोणीय विजन – समृद्धि के लिए बंदरगाह, प्रगति के लिए बंदरगाह और उत्पादकता के लिए बंदरगाह के विजन का एक अच्छा उदाहरण है. अदाणी पोर्ट और एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंधक निदेशक (एमडी), करण अदाणी ने शुक्रवार को यह बात विझिंजम पर पहली मदर शिप के स्वागत समारोह में कही. साथ ही उन्होंने कहा कि विझिंजम बंदरगाह को एक विश्वस्तरीय बंदरगाह बनाने का हमने अपना वादा पूरा किया है. केरल के कोलवम तट के पास स्थित देश के पहले ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट पर पहली मदर शिप का आधिकारिक स्वागत समारोह शुक्रवार को रखा गया था.
अदाणी पोर्ट्स के एमडी ने कहा कि हमें काफी खुशी है कि भारत के इस हिस्से को विकसित करने का अवसर मिला. यह समुद्री क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘समुद्री अृमत काल विजन 2047’ के अनुरूप है. उन्होंने आगे कहा कि 33 साल पुराना सपना आज साकार हो गया. “विझिंजम केरल और भारत के लिए तैयार है.”
कंपनी की ओर से अब तक कंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन और अन्य सेगमेंट में 2,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की गई हैं और आगे तेजी से विकास होने के कारण 5,500 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर विझिंजम में पैदा होंगे. शुक्रवार को पोर्ट के पहले चरण के विकास का कार्य भी पूरा कर लिया गया. इसमें 3,000 मीटर की ब्रेकवाटर और 800 मीटर की कंटेनर बर्थ तैयार है. विझिंजम पोर्ट का दूसरा और तीसरा चरण 2028 तक पूरा हो सकता है. इसके बाद यह दुनिया का सबसे हरित बंदरगाह होगा.
बता दें, गुरुवार को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्क्स का जहाज “सैन फर्नांडो” 2,000 से अधिक कंटेनरों के साथ विझिंजम बंदरगाह पर पहुंचा था. मदर शिप के बर्थ करने के साथ ही विझिंजम बंदरगाह ने भारत को विश्व शिपिंग बिजनेस के पटल पर ला दिया. यह बंदरगाह वैश्विक स्तर पर छठे या सातवें नंबर पर होगा.
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की मौजूदगी में करण अदाणी ने कहा कि “सैन फर्नांडो” भारतीय मेरीटाइम इतिहास के एक बड़ी उपलब्धि है. यह दुनिया को दिखाता है कि भारत में पहला ऑटोमेटेड कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और सबसे बड़े डीपवाटर पोर्ट पर ऑपरेशन शुरू हो चुका हैा.
1991 में जब यहां पहली बार पोर्ट प्रोजेक्ट की घोषणा हुई थी, तब विझिंजम एक साधारण गांव था. उस समय किसी ने कल्पना नहीं की थी कि यहां एक विश्वस्तरीय बंदरगाह भी बन सकता है. मैं आपको पूरी विनम्रता से बताना चाहता हूं कि यह बंदरगाह वैश्विक कंटेनर शिपिंग के लिए दुनिया के शीर्ष गंतव्यों में से एक बनने जा रहा है. आगे कहा कि यह जहाज केवल एक शुरुआत है. आने वाले समय में कई बड़े जहाज इस बंदरगाह पर बर्थ करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने अदाणी ग्रुप की ओर से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री सोनोवाल को धन्यवाद दिया.
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करण अदाणी ने जोर देते हुए आगे कहा कि केरल के लोग अपनी मजबूती, बुद्धि और प्रगतिशील दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं. दुनिया में केरलवासी या मलयाली शिक्षित मानव पूंजी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इससे हमें विश्वास मिलता है कि केरल के लोग चाहते हैं कि यह बंदरगाह विश्वस्तरीय बने. अदाणी ग्रुप को पर्यावरण से जुड़ी और अन्य नियामक अनुमति मिल गई है. कंपनी अगले चरण का कार्य अक्टूबर से इस वर्ष शुरू कर सकती है.
2028-29 तक इस प्रोजेक्ट के चारों चरण का कार्य पूरा होना है. इसमें करीब 20,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) का एक अच्छा उदाहरण है. करण अदाणी ने कहा कि जब हमने यह प्रोजेक्ट लिया तो हमारे चेयरमैन गौतम अदाणी ने वादा किया था कि हम विंझिजम को भविष्य का पोर्ट बनाएंगे और यह हमने करके दिखाया है.
-भारत एक्सप्रेस
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