पूर्व कांग्रेस विधायक जय किशन को राऊज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने निषेधाज्ञा और महामारी रोग अधिनियम के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के मामले में सभी आरोप से मुक्त कर दिया है. मामला अगस्त 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान एक विरोध प्रदर्शन में उनकी भागीदारी से जुड़ा था, जहां वे कथित तौर पर सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल रहे थे. 28 अगस्त 2020 को संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने बचाव पक्ष के वकील और सरकारी वकील द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्तुतियों की समीक्षा करने के बाद पूर्व विधायक जय किशन के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी. अदालत ने आदेश में कहा उपर्युक्त चर्चा, तथ्यों के स्पष्टीकरण और अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की व्यापक समीक्षा के मद्देनजर, इस अदालत को कार्यवाही जारी रखने का कोई आधार नहीं मिला और इस प्रकार आरोपी जय किशन के खिलाफ कार्यवाही बंद कर उसे आरोपमुक्त कर दिया.
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने एक तस्वीर पर भरोसा किया था जिसमें एक बैरिकेड पर चेतावनी नोटिस प्रदर्शित किया गया था. हालांकि तस्वीर ने न तो यह प्रदर्शित किया कि यह कथित घटना की तारीख से थी और न ही यह पुष्टि की कि यह घटना के स्थान से जुड़ी थी. इसके अलावा तस्वीर ने 4 अगस्त, 2020 को संसद मार्ग के एसीपी द्वारा जारी आदेश से कोई संबंध नहीं दिखाया.
अदालत ने पाया कि जांच अधिकारी द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 लगाने के संबंध में आरोपी को व्यक्तिगत संचार का कोई सबूत नहीं दिया गया था.
अदालत ने आगे कहा कि आरोप पत्र और साथ में दिए गए दस्तावेजों ने जांच में कई खामियों को उजागर किया, जिसने अभियोजन पक्ष के मामले को कमजोर कर दिया.
अदालत ने कहा तस्वीरों में केवल एक बड़ी भीड़ विरोध प्रदर्शन करती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन रिकॉर्ड पर कोई स्पष्ट सबूत नहीं है जिससे यह स्थापित हो सके कि आरोपी प्रदर्शनकारियों में शामिल था. उसकी पहचान केवल भीड़ की तस्वीरों से स्थापित नहीं की जा सकती.
अभियोजन पक्ष के मामले में कहा गया है कि 28 अगस्त, 2020 को लगभग 11 बजे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 40-50 कार्यकर्ता अध्यक्ष अनिल चौधरी के नेतृत्व में डॉ. अंबेडकर भवन के सामने एकत्र हुए और शास्त्री भवन के पास बैरिकेड्स की ओर बढ़ने लगे. उन्होंने नारे लगाए और नीट व जेईई परीक्षा आयोजित करने के भारत सरकार के फैसले का विरोध किया. प्रदर्शनकारियों को लाउडस्पीकर के माध्यम से कई बार चेतावनी दी गई थी कि उनके पास विरोध करने की अनुमति नहीं है. प्रदर्शनकारियों को डब्ल्यूएचओ द्वारा वैश्विक महामारी घोषित कोविड-19 महामारी के कारण सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए चार बार याद दिलाया गया था. बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद जय किशन, अमर तिवारी, हरि राम वाल्मीकि और शमी अहमद समेत प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स पार कर संसद की ओर दौड़ लगाई.
-भारत एक्सप्रेस
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