Gandhi Jayanti-2023: दो अक्टूबर को पूरे देश में गांधी जयंती मनाई जा रही है. जहां एक ओर भाजपा से लेकर कांग्रेस और अन्य सभी राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी याद में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सपा के एक नेता हैं, जिनका एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस नए वीडियो में वह महात्मा गांधी की प्रतिमा से बात करते नजर आ रहे हैं और माफी मांगते हुए दिखाई दे रहे हैं. चार साल पहले वह महात्मा गांधी की प्रतिमा से लिपटकर रोते हुए दिखाई दिए थे, जिसकी आलोचना करते हुए भाजपा ने इसे ओवर एक्टिंग तक कह दिया था.
इस बार गांधी जयंती के मौके पर ताजा वीडियो उत्तर प्रदेश के संभल जिले के हयात नगर थानाक्षेत्र के रहने वाले फिरोज खान का वायरल हुआ है. वह पूर्व में सपा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं तो वहीं वर्तमान में वह प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं. सोमवार को उन्होंने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ गांधी जयंती के अवसर पर एक सभा का आयोजन किया, जिसमें वह महात्मा गांधी की मूर्ति से बात करते हुए नजर आए.
जानें क्या कहा?
फिरोज खान इस वीडियो में महात्मा गांधी की मूर्ति को नमन करते नजर आ रहे हैं और फिर कह रहे हैं, “बापू, इस बार भी हम आपको स्थापित नहीं कर पाए. ये बड़े ही अफसोस की बात है, लेकिन इस बार प्रशासन ने वादा किया है.” वह ये भी कह रहे हैं, “मुझे उम्मीद है आपकी प्रतिमा की स्थापना जरूर होगी और आप इस मुल्क को जो उपलब्धि देकर गए थे वो बरकरार रहेगी. आपकी मूर्ति स्थापित करने में जो देर हो रही है, उसके लिए मैं माफी चाहता हूं.”
फिरोज खान लम्बे वक्त से संभल के एक चौराहे पर बापू की मूर्ति स्थापित कराने की मांग कर रहे हैं. वह अपने निजी खर्चे पर खरीदी गई मूर्ति को स्थापित करवाना चाहते हैं.
सपा नेता फिरोज खान का चार साल पहले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बापू की मूर्ति से लिपटकर रोते हुए दिखाई दे रहे थे. इस वीडियो में वह कह रहे थे, “बापू आप कहां चले गए. आपने इतने बड़े देश को आजाद कराया और हमें अनाथ बनाकर चले गए.” बता दें कि तब फिरोज को मौजूद सपा के कार्यकर्ताओं ने चुप कराया था तो वहीं भाजपा ने निशाना साधा था और इसे ओवर एक्टिंग कहा था.
सपा नेता के वायरल वीडियो को लेकर भाजपा के जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह रिंकू ने मीडिया से कहा कि फिरोज खान हमेशा ही दिखावा करते हैं और इसी तरह महापुरुषों का अपमान करते हैं. पहले वह बापू की मूर्ति से लिपटकर रो रहे थे और इस बार बात कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, जब सरदार भगत सिंह की मूर्ति की स्थापना हमने करवाई थी, उस समय उनकी ही पार्टी के लोगों ने खूब विरोध किया था. तब प्रशासन का सहयोग लिया गया था. अगर उनको लगता है कि उनकी मांग जायज है तो शासन, प्रशासन से मांग करें, ये मूर्ति से बात करने व आंसू बहाने की क्या जरूरत है.
-भारत एक्सप्रेस
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